गांधीनगर: उच्च अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा परीक्षण प्रणाली (IELTS) से जुड़े एक फर्जीवाड़े में अमेरिकी अधिकारियों के अनुरोध पर गुजरात (Gujarat) के मेहसाणा जिले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. अमेरिकी अधिकारियों ने कुछ भारतीयों के अमेरिकी कोर्ट में उच्च IELTS स्कोर होने के बावजूद अंग्रेजी के दो शब्द भी न बोल पाने पर फर्जीवाड़े का संदेह व्यक्त किया था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने IELTS परीक्षाओं की गड़बड़ी में राजकोट, वडोदरा, मेहसाणा, अहमदाबाद, नवसारी, नडियाद और आनंद के सात केंद्रों को जांच के घेरे में लिया है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 950 लोगों को फर्जी IELTS स्कोर जारी कर अमेरिका और कनाडा भेजा गया है. इन लोगों से उच्च स्कोर प्राप्त करने के लिए 14 लाख रुपये की मोटी रकम वसूली गई थी.
CCTV कैमरे बंद
मेहसाणा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने PTI से बातचीत में बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने कोई पारदर्शिता नहीं बरती है. वहीं पिछले साल सितंबर में हुई परीक्षा के दौरान हॉल के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए थे. ऐसा करके बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.
कैसे सामने आया फर्जीवाड़ा
IELTS का यह फर्जीवाड़ा अमेरिकी अधिकारियों के सामने तब आया जब उन्होंने कनाडा से अवैध रूप से अमेरिकी सीमा में घुसते हुए 19-21 आयु वर्ग के 6 भारतीय युवकों को पकड़ा था. गिरफ्तार युवकों में से चार मेहसाणा, दो गांधीनगर व एक पटना से है. इन युवकों को जब कोर्ट में पेश किया गया तो वहां कोई भी अंग्रेजी में जवाब नहीं दे पाया जिसके बाद फर्जीवाड़े की जांच के निर्देश दिए गए थे.
क्या है IELTS
IELTS अंग्रेजी भाषा नहीं बोलने वाले देशों के लिए अंग्रेजी भाषा प्रवीणता की एक अंतरराष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षा है. इस परीक्षा में अच्छा स्कोर प्राप्त करने पर ही अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन समेत अंग्रेजी भाषी देशों में नौकरी या कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है.
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