नई दिल्ली । वैश्विक स्तर पर (On Global Scale) 91 टेक कंपनियों (91 Tech Companies) ने जनवरी महीने के पहले 15 दिनों में (In the First 15 Days of January) 24,000 से अधिक कर्मचारियों (More than 24 Thousand Employees) को नौकरी से निकाल दिया (Fired from the Job) ।
छंटनी पर नजर रखने वाली वेबसाइट के अनुसार, अमेजन, सेल्सफोर्स, कॉइनबेस जैसी कंपनियों के वर्चस्व वाले लगभग 24,151 टेक कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी। इन कंपनियों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि कंपनी आर्थिक विपरीत परिस्थितियों के बीच अपने वैश्विक कर्मचारियों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की कमी करेगी।
भारत में, ओला (जिसने 200 कर्मचारियों को निकाल दिया), वॉयस ऑटोमेटेड स्टार्टअप स्किट.एआई जैसी कंपनियां जनवरी में सुर्खियों में रहीं, जिसने पिछले साल दिसंबर में, 17,000 से अधिक टेक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। महामारी की शुरुआत के बाद से नौकरी के नुकसान पर नजर रखने वाली वेबसाइट के अनुसार, मेटा, ट्विटर, ओरेकल, एनवीडिया, स्नैप, उबर, स्पॉटिफाई, इंटेल और सेल्सफोर्स जैसी कंपनियों ने 2022 में 153,110 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया। छंटनी की संख्या नवंबर में अपने निचले स्तर पर पहुंच गई, जिसमें 51,489 टेक कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।
गूगल एक और बड़ी टेक कंपनी है, जिसके 2023 की शुरुआत में अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए कठोर कदम उठाने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘पर्याप्त प्रभाव नहीं होने’ के कारण लगभग 6 प्रतिशत गूगल कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा सकता है। 2023 में गूगल के 11,000 से अधिक कर्मचारी अपनी नौकरी खो सकते हैं। यानी 2023 टेक जगत के इतिहास का सबसे खराब साल बनने जा रहा है। सभी की निगाहें अब बिग टेक तिमाही नतीजों पर टिकी हैं जो इस महीने के अंत में सामने आएंगे।
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