नई दिल्ली: जापान में नए साल को आए भूकंप के छह दिन बाद एक 90 साल की महिला को मलबे से बाहर निकाला गया. पश्चिमी जापान में एक ढहे हुए घर से 90 साल की एक महिला को जीवित निकाला गया है. महिला का बचाव भूकंप के करीब 124 घंटे बाद हुआ. इस भूकंप में कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई.
मरने वालों में एक पांच साल का लड़का भी शामिल था. जब भूकंप आया तब बच्चे का इलाज चल रहा था क्योंकि वह खौलते पानी में गिर गया था. इलाज के दौरान ही भूकंप आ गया और बच्चे की मौत हो गई.
कहां हुईं सबसे ज्यादा मौतें?
1 जनवरी को आए भूकंप में सबसे ज्यादा मौतें वाजिमा शहर में हुईं हैं. यहां भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर आग की लपटें भी देखी गईं थीं. जापानी सैनिक राहत कार्य युद्धस्तर पर कर रहे हैं. करीब तीस हजार लोगों को पानी, भोजन, दवाएं और अन्य सुविधाओं में पहुंचाया गया.
सरकार से लोग कर रहे शिकायत?
जापान के लोगों की शिकायत है कि भूकंप के बाद सरकार रिहाइशी इलाकों को ठीक करने की कोशिश नहीं कर रही है. उनका कहना है जिन मलबों का तलाशी अभियान पूरी हो गई है उसे जस का तस छोड़ दिया गया है. मलबों की वजह से कई इलाके में सड़कें बंद हो गईं हैं.
कतरी न्यूज़ चैनल ने जापानी योमीउरी अखबार के हवाले से बताया कि उसके हवाई अध्ययन में क्षेत्र में 100 से अधिक भूस्खलन का पता चला है और कुछ प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं. कुछ समुदाय, जैसे कि शिरोमारू का तटीय समुदाय, जो सुनामी से भी प्रभावित हुआ था, अभी भी सहायता का इंतजार कर रहे हैं.
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