भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 12वीं क्लास में 75 फीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों को मेधावी योजना (Medhavi Yojana) के तहत 25 हजार रुपए या लैपटॉप देने की योजना शुरू की गई थी. शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में इसकी शुरुआत हुई थी. पिछले साल शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के लाल परेड मैदान पर एक बड़ा कार्यक्रम किया था. इसमें उन्होंने 78 हजार छात्र-छात्राओं के खाते में लैपटॉप के लिए कुल 196 करोड़ रुपये भेजे थे. साथ ही ये भी कहा था कि अगले साल से स्कूटी और एमपी बोर्ड के अलावा सीबीएसई बोर्ड के छात्र-छात्राओं को भी लैपटॉप दिया जाएगा.
लेकिन 2023-24 के मेधावी छात्रों को अभी तक लैपटॉप नहीं मिला है. प्रदेश के करीब 90 हजार छात्रों को मेधावी योजना के तहत लैपटॉप मिलना है. अब छात्र कभी कलेक्टर कार्यालय तो कभी मंत्री के बंगले के चक्कर काटते दिखाई दे रहे हैं. भोपाल सहित अन्य जिले के छात्रों का कहना है कि सरकार से गुहार है कि अपना वादा पूरा करे. हम इंतज़ार कर रहे हैं. अब हम कॉलेज में हैं. लैपटॉप ना होने से तकनीक में भी पिछड़ रहे हैं. हमारे परिवार की स्थिति भी ऐसी नहीं है कि तुरंत लैपटॉप खरीद सकें.
इस योजना को लेकर कांग्रेस ने मोहन यादव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सरकार अपना वादा पूरा करें. कांग्रेस के विधायक अब अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में सांकेतिक रूप से मेधावी छात्राओं को स्कूटी और लैपटॉप वितरित करेंगे. इसकी तस्वीर भी धार जिले में दिखाई दी. यहां एक छात्रा को स्कूटी दी गई.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मोहन यादव एक-एक करके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं को बंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के ही मुख्यमंत्री थे पाकिस्तान की नहीं. मेधावी छात्रों को लैपटॉप वितरण करने पर सरकार को 225 करोड़ रुपये की राशि का खर्च आएगा. हालांकि यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि लाडली बहनों को दी जाने वाली राशि के चलते प्रदेश के छात्रों को लैपटॉप नहीं मिल रहा. मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि हमारी सरकार की जो भी योजना है उसका पूरी तरह से पालन होगा.
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