पेइचिंग। चीन के सरकारी परमाणु संस्थान द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी (आईनेस्ट) में काम करने वाले 90 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद घबराई सरकार ने इसे ब्रेन ड्रेन मानते हुए जांच के आदेश दिया है। इतनी बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों के इस्तीफे के पास इस संस्थान को चलाने के लिए बहुत कम साइंटिस्ट ही बचे हैं।
जानकारी के अनुसार, वैज्ञानिकों के इस्तीफा देने की कई वजहें हैं, जिसमें से उनके वेतनमान में गड़बड़ी और सरकारी सुविधाओं की कमी भी प्रमुख मुद्दा है। वहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस संस्थान पर अपना पूरा अधिकार जमाए हुए है। कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेता जबरदस्ती वैज्ञानिकों से काम करवाना चाहती है।
चीन का द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी (आईनेस्ट) संस्थान हेफी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस (चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस) के अंतर्गत काम करता है। आईनेस्ट की पैरेंटिंग संस्था चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के शीर्ष पदों पर कम्युनिस्ट पार्टी के नेता काबिज हैं, जो अपनी मनमानी चला रहे हैं। यहां तक कि वैज्ञानिकों को उनके प्रोजेक्ट के लिए पर्याप्त फंड तक नहीं दिया जा रहा है।
संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, मध्य चीन के अनहुई प्रांत की राजधानी हेफेई में स्थित आईनेस्ट चीन के वैज्ञानिकों का एक केंद्र है। इस संस्थाान में लगभग 600 सदस्य हैं और 80 प्रतिशत शोधकर्ताओं के पास पीएचडी की डिग्री है। यहां के कई वैज्ञानिक चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। जिनकी औसत आयु 31 साल के आस पास है।
एक चीनी अधिकारी के अनुसार, कभी इस संस्थान में 500 वैज्ञानिक काम करते थे। पिछले कई सालों में यहां से बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दिया है। हालात यह हैं कि इस संस्थान में वर्तमान में केवल 100 वैज्ञानिक ही बचे हैं। इन वैज्ञानिकों का वेतन लगभग 10,000 युआन ($ 1,430) प्रति माह है।
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