डेस्क: 18 महीने से जारी गाजा पर इजराइली बमबारी ने सब तबाह कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र प्रवास एजेंसी का कहना है कि गाजा में 90 फीसद से ज्यादा घर नष्ट हो गए. जिसका मतलब है कि गाजा में कोई जगह रहने लायक नहीं बची है. 15 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी खुले आसमान या फिर टेंटों में रहने के लिए मजबूर हैं. लेकिन इजराइल इतने पर भी रुकने को तैयार नहीं है. बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार शाम को सब्बाथ के आखिर में लोगों संबोधित करते हुए अपनी मंशा साफ की है.
एक असामान्य रिएक्शन देते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कैदियों की अदला-बदली के किसी भी सौदे की संभावना से इनकार किया और घोषणा की कि वह हमास के खत्म होने और पूरी जीत हासिल होने तक जंग लड़ते रहेंगे. ताकि 7 अक्टूबर, 2023 को जो हुआ, उसे दोहराया न जा सके.
इजराइल के प्रधानमंत्री ने दावा किया कि हमास कोई सौदा नहीं चाहता है और यह वही है जो गाजा पट्टी से इजराइली सेना की वापसी की मांग करके रुकावट डाल रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि अगर सेना वापस आती है, तो गाजा जाने का क्या मतलब होता. नेतन्याहू के इस बयान को उन सभी प्रदर्शनों के दबाव के रूप में देखा जा रहा है, जो इजराइल से युद्ध विराम की बात कर रहे हैं. हमास द्वारा बंधकों की रिलीज की वीडियो के बाद नेतन्याहू पर डील करने का दबाव बढ़ गया है.
इजराइल हमास ने नहीं बल्कि पड़ोस में लेबनान के गुट हिजबुल्लाह से हथियार छोड़ने की मांग कर रहा है, वहीं सीरिया में भी उसके हमले और कब्जा जारी है ताकि सुरक्षा के लिए बफर जोन बनाए रखा जाए. इसके अलावा इजराइल ने सिनाई क्षेत्र से मिस्र आर्मी के भी हटने का आह्वान किया है.
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