इंदौर। नगर निगम के दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। आज शाम इसका प्रजेंटेशन भी महापौर पुष्यमित्र भार्गव और विभाग प्रभारी राजेश उदावत द्वारा रखा गया है। लगभग 90 लाख से अधिक निगम के रिकॉर्डों को अब डिजिटल किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन ये रिकॉर्ड उपलब्ध हो सकेंगे। नगर निगम में फाइलें भी गायब होती रही है। खासकर घोटालों या भवन अनुज्ञा सेल से जुड़ी फाइलें पूर्व में गायब कर दी जाती है।
महापौर परिषद् सदस्य उदावत के मुताबिक निगम के सभी दस्तावेजों को अब दिल्ली की एक कम्पनी को ठेका देकर डिजिटल कराया जा रहा है। इस कार्य पर 2 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि खर्च होगी और लगभग सालभर का समय लगेगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की मंशानुरूप निगम के सारे दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिससे आम जनता को भी निगम के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी और एक क्लिक पर ये दस्तावेज मिल सकेंगे। हालांकि नगर निगम ने ऑनलाइन सम्पत्ति-जलकर जमा करने से लेकर नक्शा मंजूरी का काम भी कर रखा है। बावजूद इसके लोगों को चक्कर काटना पड़ते हैं। नगर निगम के पास कई बहुमूल्य और दुर्लभ दस्तावेज भी हैं, जो कि आजादी के पूर्व होलकर राज के भी हैं, उन्हें भी अब डिजिटल कर सहेजा जा सकेगा। निगम की सभी फाइलों के दस्तावेजों को स्कैन कर अलग-अलग श्रेणी में रखा जाएगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved