इंदौर (Indore)। खनीजों के अवैध उत्खनन, परिवहन पर रोक लगाने के दावे बीते कई सालों से शासन -प्रशासन द्वारा किए जाते रहे हैं, बावजूद इसके खनन माफिया हमेशा ही हावी रहा है। इंदौर जिले में 154 मामलों में 90 करोड़ की पेनल्टी इन खनन माफियाओं पर सालभर में ठोंकी जा चुकी है, बावजूद इसके अवैध खनन नहीं रूकता। कल भी देपालपुर क्षेत्र में अवैध खनन के मामले में जेसीबी, डम्पर, ट्रक पकड़े गए तो राजनेताओं के फोन आने लगे। पूर्व में भी दो मंत्री खनन माफिया को बचाने में जुटे थे। हालांकि कल गाडिय़ों को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
कल अवैध खनन के मामले में खनीज विभाग ने जिन गाडिय़ों को पकड़ा उसे छुड़वाने का दबाव बनाया गया। चूंकि वाहनों की जब्ती हो चुकी थी, लिहाजा इन्हें छोड़ा नहीं जा सका। अलबत्ता भारी-भरकम पेनल्टी से बचने के अवश्य प्रयास किए जा रहे हैं। जब्त वाहन एमपी 09 जीएफ 1241, आरजे 09 जीडी 7441, जेसीबी एमपी 09 जीजी 7563 को जब्त कर बेटमा थाने पर खड़ा करवाया है इन वाहनों की जानकारी निकाली जा रही है। दूसरी तरफ प्रशासन का दावा है कि जिले में अवैध उत्खनन पर प्रभावी रोक लगाई गई है। कल कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई खनिज विभाग की टास्क फोर्स समिति की बैठक में दी गई। बैठक में वन मण्डलाधिकारी नरेन्द्र पंडवा, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमती हितीका वासल सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि गत वित्तीय वर्ष-2022-23 में जिले में 16 करोड़ रूपये का खनिज राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य था। इसके विरूद्ध 17.40 करोड़ रूपये का राजस्व हासिल किया गया। यह निर्धारित लक्ष्य का 108.74 प्रतिशत है। इसी तरह जिले में खनिज के अवैध उत्खनन/ परिवहन/ भण्डारण पर प्रभावी कार्रवाई की गई। जिले में विगत वर्ष 154 मामले दर्ज कर लगभग 90 करोड़ रूपये की शास्ति प्रस्तावित की गई है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने निर्देश दिये कि जारी वित्तीय वर्ष में भी इस ओर विशेष ध्यान दिया जाये। यह ध्यान रखा जाये कि जिले में कही भी खनिजों के अवैध उत्खनन/ परिवहन/ भण्डारण नहीं हो। बैठक में रेती मण्डी को अन्यंत्र स्थानांतरित करने पर भी चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि इंदौर से लेकर प्रदेशभर में अवैध खनन के कई मामले सामने आते रहे हैं और यह मामला इतना सशक्त है कि सीधे सत्ता तंत्र से तो जुड़ा ही है, वहीं कई हत्याएं तक करा चुका है। अवैध रेत खनन को लेकर तो आए दिन हल्ला मचता रहता है। कल भी देपालपुर में पकड़े गए वाहनों को छुड़वाने के लिए सत्ताधारी दल के ही कई नेता लगे रहे।
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