नई दिल्ली: दिवाली का त्योहार बीत जाने के बाद पूरे देश में हर तरफ सिर्फ धुंआ ही धुंआ है. कई शहरों में तो दिवाली के अगले दिन सूरज के दर्शन तक नहीं हुए. यह बढ़ता प्रदूषण (Pollution) अस्थमा और सांस जैसी कई समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है. ऐसे में अपने फेफड़ों की अच्छी सेहत के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि सांस संबंधी बीमारियों से बचा जा सके.
प्रदूषण से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
हवा में बढ़ता प्रदूषण आपको कई बीमारियों का मरीज बना सकता है. जो लोग पहले से अस्थमा से पीड़ित हैं, उनके लिए प्रदूषण जानलेवा साबित हो सकता है. एयर पॉल्युशन (Air Pollution) की वजह से आंखों में जलन, गले में खराश और पेट में गड़बड़ी जैसी दिक्कत भी हो जाती हैं.
वैसे तो प्रदूषण सभी के लिए हानिकारक होता है लेकिन कमजोर इम्युनिटी (Low Immunity) की वजह से यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा बन जाता है. आपके परिवार पर यह प्रदूषण अटैक न कर सके, इसके लिए कुछ उपाय करने की जरूरत है.
कैसे रखें फेफड़ों को स्वस्थ?
- दिवाली पर सभी घर में दीये और मोमबत्ती जरूर लगाते हैं. ऐसे में घर के अंदर के प्रदूषण से बचने के लिए इंडोर प्लांट्स (Indoor Plants) जरूर लगाएं. साथ ही घर में अधिक से अधिक एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल करें.
- दिवाली के बाद अगर आप घर से बाहर निकल रहे हैं तो मास्क पहन कर ही निकलें. मास्क पहनने से आप कोरोना के साथ ही प्रदूषण से भी बच सकेंगे.
- अगर आपको भी धुएं से घुटन (Suffocation) होती है तो बाहर जाने से बचें. अपने घर के अंदर पंखे चलाकर रखें ताकि सही मात्रा में हवा मिलती रहे और साफ हवा घर के अंदर घुस सके.
- भरपूर फल और सब्जियों से युक्त पौष्टिक भोजन करें. यह आपके स्वास्थ्य में सुधार करता है.
- घर के अंदर एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) का इस्तेमाल जरूर करें. एयर प्यूरीफायर आपको सांस संबंधी शिकायतों से बचाएंगे.
- सांस संबंधी बीमारियों से परेशान लोगों को अपनी आपातकालीन दवाएं, नेब्युलाइजर और अन्य चिकित्सा किट संभालकर रखनी चाहिए. अगर आप कोई दवाई लेते हैं तो उसे अपने ठीक समय पर लेते रहें.
- यदि आप अस्थमा के रोगी हैं या सांस की बीमारी से पीड़ित हैं, तो अपने साथ एक बचाव इनहेलर जरूर रखें.
- नियमित रूप से पानी पिएं. यह आपको हाइड्रेटेड रहने और हाइपरएसिडिटी को रोकने में मदद करेगा.
- लगातार खांसी, घरघराहट या सांस फूलने से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को डॉक्टर के पास पहुंचना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.