नई दिल्ली: अब कोरोना काबू में आता लग रहा है और संक्रमण के मामलों की संख्या लगातार कम ही बनी हुई है. ऐसे में भारत के कई राज्यों ने मास्क पहनने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. वहीं कई राज्यों ने इस पर लगने वाले जुर्माने को हटा दिया है. पॉजिटिविटी दर दिल्ली में 1 से नीचे आ गई है. अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं रहा है. लेकिन इसे लगाने की सलाह जारी है. वहीं एक सर्वेक्षण में सामने आया कि देश के 10 में से 9 लोगों का मानना है कि जब मास्क लगाना अनिवार्य था, तब भी उनके इलाके, शहर या जिले के ज्यादातर लोग मास्क लगाते नहीं थे या गलत तरीके से लगाते थे.
जब लोगों से मास्क पहनने को लेकर सवाल किया गया तो 57 फीसद लोगों का कहना था कि लोग मास्क पहनते तो थे, लेकिन वह महज खानापूर्ति होती थी. कोई भी ठीक तरीके से मास्क नहीं पहनता था. वहीं 22 फीसद लोगों का मानना था कि कि लोगों के पास मास्क तो होता था लेकिन वह पहनते नहीं थे और 11 फीसद लोगों का कहना था कि लोगों के पास मास्क ही नहीं होता था. इस बीच केवल 7 फीसद लोगों ने माना कि उनके इलाके के लोगों ने मास्क पहनने की अनिवार्यता का ठीक से पालन किया.
भारत के 349 जिलों के 30000 लोगों के साथ यह सर्वेक्षण किया गया. जब इनसे मास्क के नियमों का पालन करने से जुड़ा सवाल किया गया तो 7 फीसद लोगों का जवाब था कि किसी ने भी नियमों का पालन नहीं किया. वहीं 36 फीसद का मानना था कि 30 प्रतिशत लोगों ने नियमों का पालन किया. वहीं 35 फीसद लोगों का कहना था कि 30 से 60 प्रतिशत के बीच में लोगों ने मास्क से जुड़े नियमों को माना. करीब 10 फीसद लोगों ने कहा कि 60 से 90 फीसद लोगों ने नियमों का पालन किया और 6 फीसद लोग ये मानते हैं कि 90 फीसद से ज्यादा लोगों ने मास्क पहना है.
लोगों से उनके इलाके, शहर या जिले में लोगों द्वारा पहनी गई मास्क की किस्म के बारे में पूछने पर सामने आया कि 3 में से 2 लोग यानी करीब 62 फीसद लोग कपड़े से बना मास्क पहनते हैं. इस मास्क से सीमित स्तर पर ही सुरक्षा हो पाती है. इस तरह सर्जिकल मास्क पहने वालों की संख्या 20 फीसद और एन-95, केएन-95, या डब्ल्यू 95 मास्क पहनने वाले की संख्या 6 फीसद है. देश भर में अब कोविड के रोजाना आने वाले मामले घटकर 1000 से कम हो गए हैं. इसके चलते महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना ने इस महीने से मास्क पहनने की अनिवार्यता को वापस ले लिया है.
10 में से 9 लोगों ने माना जब मास्क अनिवार्य था तब भी नहीं लगाते थे, सर्वे में खुलासा
हालांकि दुनिया के कई हिस्सों में अभी भी कोरोना का कहर बना हुआ है. चीन में हाल ही में दो नए वैरियंट मिले हैं जिसके बाद कई शहरों में फिर से लॉकडाउन की नौबत आ गई है. ऐसे में ये सर्वेक्षण बताता है कि देश में लोगों ने मास्क की अनिवार्यता को गंभीरता से नहीं लिया है. जबकि यूरोपीय देशों में फरवरी में मास्क की अनिवार्यता खत्म होते ही वहां संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं. ऐसे में नियमों और सावधानियों का गंभीरता से पालन अभी भी बेहद जरूरी है.
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