निगम के बजट में सडक़ के लिए 824 करोड़ तो पानी के लिए 2500 करोड़ का प्रावधान
इंदौर। वित्तीय वर्ष (Financial Year) 2025 – 26 में शहर (Indore) में सडक़ (roads) बनाने और पानी की व्यवस्था करने के काम पर हर दिन औसतन 9 करोड़ (9 crores) रुपए खर्च होंगे। महापौर (Mayor) पुष्यमित्र भार्गव (Pushyamitra Bhargava) द्वारा कल प्रस्तुत किए गए इस वित्तीय वर्ष के बजट में सडक़ के लिए 824 करोड़ तो पानी के लिए 2500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा कल प्रस्तुत किए गए बजट में मास्टर प्लान में प्रावधान की गई सडक़ों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए, केंद्रीय विशेष सहायता से बनाई जाने वाली सडक़ों के लिए 450 करोड़ रुपए, जोन कार्यालय के मद से बनाई जाने वाली सीमेंट की सडक़ के लिए 50 करोड़ रुपए, इंदौर विकास प्राधिकरण से हस्तांतरित होने वाली योजनाओं में सडक़ निर्माण के लिए 55 करोड़ रुपए, लिंक रोड के निर्माण के लिए 35 करोड़, नेशनल हाईवे से मिलने वाली राशि से सडक़ निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए, पार्षद निधि से सडक़ के निर्माण के लिए 30 करोड़, डामर के मुख्य मार्ग के निर्माण के लिए 25 करोड़, मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास के अंतर्गत सडक़ निर्माण के लिए 20 करोड़, गरीब बस्ती में सडक़ निर्माण के लिए 20 करोड़, सीमेंट के मुख्य मार्ग निर्माण के लिए 10 करोड़, महापौर निधि से सडक़ निर्माण के लिए 17.5 करोड़, रिंग रोड पर निर्माण के लिए 10 करोड़, व्हाइट टॉपिंग सडक़ के लिए 5 करोड़, जोनल मद में सडक़ निर्माण के लिए 4 करोड़, जनसहयोग से सडक़ के लिए 5 करोड़ और फीडर रोड के लिए 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शहर के सांवेर रोड, पालदा और लसूडिय़ा के औद्योगिक क्षेत्र में सडक़ निर्माण के लिए अलग से 5 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इस तरह सडक़ निर्माण कार्य के लिए 824 करोड़ रुपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है। इस प्रावधान के अनुसार इस वित्त वर्ष में हर दिन सडक़ निर्माण पर 2.25 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी।
नगर निगम की दूसरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी पानी की व्यवस्था करने की होती है। नगर निगम के बजट में पानी की व्यवस्था के लिए अमृत योजना 2.0 और नगर निगम के फंड से पैसे की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2035 की इंदौर की पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अमृत योजना 2.0 के तहत 2100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाना, पाइप लाइन डालना तथा पूर्वी और पश्चिमी इंदौर में पानी की टंकी का निर्माण करना शामिल है। इसके अतिरिक्त जलूद से पानी लाने के बिजली बिल के लिए 300 करोड़ रुपए और नलकूप के बिजली बिल के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पानी के कार्यों के लिए 150 करोड़ रुपए अतिरिक्त भी रखे गए हैं। इसमें लाइन के रखरखाव के लिए 40 करोड़, स्कोडा सिस्टम के लिए 15 करोड़, पालदा, नवलखा और स्नेहलतागंज की टंकी के लिए 22 करोड़, निगम फंड से नई लाइन डालने के लिए 18 करोड़, पार्षद निधि से लाइन डालने के लिए 30 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में पानी की व्यवस्था के लिए 10 करोड़, इंटकवेल के रखरखाव के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस तरह पानी के काम को अंजाम देने के लिए नगर निगम द्वारा अपने बजट में 2500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यदि वित्तीय वर्ष के 365 दिन के हिसाब से देखा जाए तो नगर निगम द्वारा हर दिन पानी के कार्य को करने पर 6.84 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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