आज हैं इंडियन एयरफोर्स दिवस , हमारे लिए गर्व का दिन
इन्दौर। आज भारतीय वायुसेना अपना 88 वां स्थापना दिवस समारोह मना रहा है। हर साल की तरह इस बार भी हिंडन बेस पर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन होगा। एयरफोर्स यहां अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा, इस बार एयरफोर्स के बेड़े में राफेल को भी शामिल किया गया है, ये सेना के बेड़े में पहली बार शामिल किया गया ।
भारतीय वायुसेना का गठन 8 अक्टूबर 1932 को हुआ था। इंडियन एयरफोर्स के वायुयान ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को भरी थी। उस समय इसमें प्रशिक्षित छह अफसर और 19 हवाई सिपाही थे। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायु सेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद 1950 में हटा दिया गया था। आजादी से पहले वायुसेना पर आर्मी का नियंत्रण होता था, एयर फोर्स को आर्मी से आजाद करने का श्रेय भारतीय वायुसेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायुसेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था, वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे।
यह है हमारी भारतीय वायुसेना का महत्व
देश के आजाद होने के बाद से भारतीय वायुसेना चार युद्धों में कार्यवाई कर चुकी है जिनमें से तीन पाकिस्तान एवं एक चीन के खिलाफ लड़े गए। भारतीय वायुसेना के अन्य प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं, ऑपरेशन विजय- द एनेक्शेसन ऑफ गोवा, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई,सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक। हमारी वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी है।
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