– वित्त वर्ष 2020-21 में 22 अरब से ज्यादा का हुआ लेनदेन
नई दिल्ली। देश में डिजिटल भुगतान (digital payment) के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) (Unified Payment Interface (UPI)) सबसे लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। पिछले तीन साल में डिजिटल लेनदेन में 88 फीसदी की बढ़ोतरी (88% increase in digital transactions) दर्ज हुई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में 22 अरब से ज्यादा के लेनदेन हुए हैं। वित्त राज्यमंत्री भगवत किशनराव कराड़ (Minister of State for Finance Bhagwat Kishanrao Karad) ने राज्य सभा में यह जानकारी दी।
वित्त राज्यमंत्री किशनराव कराड़ ने मंगलवार को राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सरकार के द्वारा उठाए गए कदम के परिणामस्वरूप देश में डिजिटल लेनदेन में एक व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान डिजिटल लेनदेन की मात्रा में 88 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि भारत के अपने भुगतान प्लेटफॉर्म नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक यूपीआई देश का पसंदीदा डिजिटल भुगतान विकल्प के तौर पर उभरा है। इसके जरिए वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पंजीकृत 22 अरब से अधिक लेनदेन हुए हैं, जो पिछले 3 साल में 4 गुना वृद्धि को दर्शाता है। साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एईपीएस अंतर-बैंक लेनदेन ने पिछले 4 साल में 9 गुना बढ़ोतरी दर्ज की।
वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत जन-धन खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड जारी किए जाते हैं। इसके तहत 8 दिसंबर, 2021 तक पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 31.17 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और जागरुकता पैदा करने के लिए अपने विभिन्न कार्यक्रमों और एजेंसियों, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) तथा बैंकों के माध्यम से पहल की है। (एजेंसी, हि.स.)
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