इंदौर। यूं तो हर साल पुलिस (police) अलग-अलग प्रकरण (case) में वाहन जब्त करती है, जो केस (case) का निपटारा नहीं होने के कारण सालों तक थानों में पड़े रहते हैं, लेकिन यह मामला कुछ अलग है। एक साल से यातायात थाने (traffic station) में 85 वाहन खड़े हैं। इन वाहनों (vehicles) को चैकिंग के दौरान कागजात (papers) नहीं होने पर जब्त किया गया था, लेकिन लोगों ने न तो चालान (challan) जमा किया न ही वाहन लेने आए। इसके चलते थाने में वाहनों का ढेर लग गया है। हर साल ऐसे कुछ मामले सामने आते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या काफी अधिक है।
शहर के हर थाने में दस से बीस वाहन हमेशा पड़े रहते हैं। किसी केस में जब्त होने के कारण जब तक केस का निराकरण नहीं होता है इसका डिस्पोजल (disposal) नहीं हो पाता है। हालांकि समय-समय पर पुलिस (police) इन वाहनों की नीलामी (auction) करती है। कोरोना काल में पुलिस ने कम ही चालान बनाए हैं। चैकिंग में चालान की राशि जमा नहीं होने पर पुलिस ने लगभग 85 दोपहिया वाहनों (two wheeler) को जब्त किया था, लेकिन इनके मालिक गाडिय़ां लेने ही नहीं आए, जबकि चालान की राशि नाममात्र की होती है। इसके बावजूद मालिक के न आने का कारण पुलिस (police) समझ नहीं पा रही है। हालांकि हर साल कुछ वाहन इसी तरह पड़े रह जाते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या काफी अधिक है। इसका एक कारण कोरोना (corona) के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होना भी हो सकता है।
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