आधे से ज्यादा चलन में रहे नोट हो चुके हैं बैंकों में जमा, एक्सचेंज करवाने में कम रुचि, पेट्रोल पम्प पर भी दिखने लगे अब बोर्ड
इंदौर। गुलाबी नोटबंदी यानी 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने के निर्देश पिछले दिनों आरबीआई ने जारी किए। 30 सितम्बर तक दो हजार रुपए के नोटों को बैंकों में जमा करवाने या बदलवाने का विकल्प दिया गया है। हालांकि चार दिन पहले ही आरबीआई गवर्नर ने जारी दी थी कि 50 फीसदी दो हजार के नोट बैंकों में जमा हो गए हैं। दूसरी तरफ 85 फीसदी लोग खातों में ही ये नोट जमा करवा रहे हैं।
2016 में मोदी सरकार ने जो नोटबंदी की थी, उस वक्त 500 के साथ 2000 के नए नोट जारी किए गए थे। आरबीआई के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 3.62 लाख करोड़ रुपए मूल्य के ये नोट चलन में थे, जिनमें से अभी 1.80 लाख करोड़ नोट 4 दिन पहले तक बैंकों में आ गए थे। अब तो यह आंकड़ा 2 लाख करोड़ रुपए से पार हो गया होगा। जितने लोगों ने बैंकों में नोट जमा किए हैं, उनमें से 85 फीसदी ने अपने खातों में ही इन नोटों को जमा किया है और मात्र 15 फीसदी ही लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बैंकों में के काउंटर से नोट बदलवाकर छोटे मूल्य के नोट लिए हों। एक बार में एक व्यक्ति को 10 नोट एक्सचेंज करवाने की सुविधा दी गई है। हालांकि बैंकों ने आधार-पेन नंबर भी मांगना शुरू किया, वहीं पेट्रोल पम्पों पर अभी तक धड़ल्ले से ये 2000 के नोट चल रहे थे, मगर अब शहर के कई पम्पों ने भी बोर्ड लगाना शुरू कर दिए कि शुरुआती केवल 5 ग्राहकों से ये नोट लिए जाएंगे। दरअसल 100-200 रुपए का पेट्रोल-डीजल डलवाकर कई लोग ये बड़ा नोट चलाना भी चाहते हैं, वहीं पूरे 2000 का पेट्रोल या डीजल भरवाने पर पम्प संचालक ये नोट आसानी से स्वीकार भी कर रहे हैं।
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