उज्जैन। कोरोना से मौत पर परिजनों को 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि मुआवजा पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट में कोविड से मौत जरूरी नहीं है। वहीं दस्तावेज प्रमाणित करने के अधिकार कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी को दिए गए हैं। यह कमेटी 30 दिन में निर्णय करेगी। उल्लेखनीय है कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना से अब तक 171 मौतें हो चुकी हैं। इसे में प्रति मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को 50 हजार के मान से 85 लाख 50 हजार की राशि मुआवजे के रूप में सरकार देगी।
कोरोना ने अप्रैल और मई माह में जबरदस्त कहर बरपाया। हालत यह थी कि कोरोना की विभीषिका इस तरह थी कि शहर के सारे अस्पताल मरीजों से भरे पड़े थे और नए मरीजों के लिए अस्पतालों में जगह नहीं थी। इसलिए कई मरीजों ने घरों पर ही इलाज कराया। इस दौरान सैकड़ों लोग मारे गए। जो लोग अस्पतालों में दाखिल थे उनके डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना से मौत का हवाला लिखा गया। वहीं बहुत से लोग ऐसे थे, जिनकी मौत घरों में ही हो गई और उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोरोना का जिक्र नहीं था। इसके अलावा कुछ ऐसे भी लोग थे, जिनके अस्पताल में दाखिल रहते रिपोर्ट पॉजिटिव हो गई और उसके बाद उनकी कोरोना के साइड इफेक्ट के चलते ही मौत हो गई। इसलिए उनके डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना नहीं लिखा गया। ऐसे सभी लोग सरकारी मुआवजे की पात्रता नहीं रखते थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब मुआवजा पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट में कोविड का जिक्र होना जरूरी नहीं है। इसलिए राज्य शासन द्वारा मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि के प्रमाणीकरण के लिए कलेक्टर को कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह कमेटी जांच कर इस बात का पता लगाएगी कि किन परिस्थितियों में मरीज की मौत हुई।
30 दिनों में दी जाएगी अनुग्रह राशि
मृतक के परिजनों को मुआवजे के लिए डेथ सर्टिफिकेट पेश करना होगा। राज्य सरकार यह पैसा स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से देगी। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी पैसों का वितरण करेगी। दावेदार को संबंधित अथॉरिटी के सामने जरूरी दस्तावेज और डेथ सर्टिफिकेट के साथ प्रस्तुत होना होगा। दस्तावेज पेश होने के बाद उसे वेरिफाई किया जाएगा और दस्तावेज प्रमाणीकरण के बाद 30 दिनों में अनुग्रह राशि दे दी जाएगी। यह राशि आधार से लिंक होकर डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर प्रोसेस से मृतक के परिजनों को प्राप्त होगी। ऐसे प्रकरण, जहां कोई एमसीसीडी यानी डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना का उल्लेख नहीं है या मृतक के वारिस का उल्लेख सर्टिफिकेट में नहीं है तो जिला स्तर पर गठित जिला स्तरीय कोरोना संक्रमण कमेटी से मृत्यु प्रमाणित करने के लिए समिति के समक्ष आवेदन कर सकेंगे। यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि मृतक की मौत किन परिस्थितियों में हुई।
ऐसी मौत पर नहीं मिलेगी मुआवजा
जहर, दुर्घटना, आत्महत्या या मर्डर को कोविड से मौत नहीं माना जाएगा। भले ही व्यक्ति उस समय कोविड से संक्रमित हो। ऐसे व्यक्तियों व शासकीय कर्मियों के वारिसों को, जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना, मुख्यमंत्री अनुकंपा नियुक्ति योजना या मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुग्रह योजना का लाभ दिया गया है अथवा जो इन योजनाओं में लाभ के लिए पात्र हैं, उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत लागू बीमा योजना के तहत शामिल शासकीय कर्मी इसके लिए पात्र नहीं होंगे।
यह अवधि तय हुई, लोगों को सूचना
कोविड से मौत के लिए दी जाने वाली राशि के लिए नियत तिथि की गणना कोविड 19 संक्रमण के देश में प्रथम प्रकरण आने की तारीख से होगी। अनुग्रह राशि का प्रावधान कोविड 19 संक्रमण को महामारी के रूप में अधिसूचना रद्द करने अथवा अनुग्रह राशि के संबंध में आगामी आदेश जो भी पहले हो, तक लागू रहेगा। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राशि स्वीकृत की जाएगी। आवेदन का निराकरण आवेदन पत्र के साथ दिए गए दस्तावेज प्रस्तुत करने की तारीख से 30 दिन में किया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved