नई दिल्ली। सिस्को के ‘विजुअल नेटवर्किंग सूचकांक (वीएनआई) ने साल 2017 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 2021 तक एक्टिव इंटरनेट यूजर्स की संख्या 82 करोड़ तक पहुंच सकती है। सिस्सो की चार से पहले आई यह रिपोर्ट सच हो गई है। सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश में इस वक्त कम-से-कम 820 मिलियन यानी करीब 82 करोड़ लोग इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। दरअसल तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में पूछा था कि क्या सरकार ने इंटरनेट के नवीनतम स्तर या किसी ऐसे प्रॉक्सी का अनुमान लगाया है। सरकार की ओर से यह भी बताया कि देश के 1,57,383 ग्राम पंचायत में हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी गई है।
डेरेक ने यह भी पूछा कि “क्या वर्तमान में ग्रामीण और शहरी भारत के बीच एक डिजिटल विभाजन मौजूद है और यदि ऐसा है तो इस अंतर को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?”
इस सवाल के जवाब में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार, 31 मार्च 2021 तक देश में 82.53 करोड़ (825.301 मिलियन) इंटरनेट ग्राहक हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण भारत में 302 मिलियन से अधिक लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि शहरी भारत में यह संख्या 502 मिलियन से अधिक है।
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण भारत में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार ने देश के सभी ग्राम पंचायतों और गांवों में भारतनेट परियोजना को लागू किया है। 1 जुलाई तक कुल 1,57,383 ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट/ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ा गया है। राजीव के मुताबिक देश में अभी तक 5,25,706 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया हैं।
देश में 2025 तक 90 करोड़ होंगे सक्रिय इंटरनेट यूजर
आईएएमएआई-कंटर क्यूब ने इसी साल जून में अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में 2025 तक सक्रिय इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 45 फीसदी बढ़कर 90 करोड़ हो जाएगी। पिछले साल देश में यह आंकड़ा 62.2 करोड़ था। रिपोर्ट में कहा गया था कि भले ही शहरी भारत में इंटरनेट की पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में दोगुनी है लेकिन ग्रामीण इलाकों में साल दर साल के हिसाब से बढ़ने वाले इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या शहरी इलाकों से ज्यादा है।
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