पणजी। गोवा में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को यहां भर्ती आठ और कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई। कोरोना की दूसरी लहर में पिछले पांच दिन के भीतर इस मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण अभी तक कुल 83 मरीजों की जान जा चुकी है।
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से सर्वाधिक मौतें देर रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुई हैं। अस्पताल में लगातार हो रही मौतों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। ऑक्सीजन की कमी से गोवा मेडिकल कॉलेज में मौतें नहीं हो रही।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गंभीर हालत में लाए गए मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। जिससे उनकी मौतें हो रही। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि गोवा में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई है। बता दें कि गोवा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कमी के कारण हो रही मौतें के लिए विपक्ष ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस्तीफे की मांग की है।
वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अधिकांश मौतें ऑक्सीजन कमी के कारण नहीं, बल्कि कोरोना के कारण हुए निमोनिया से हुई। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एसएम बांडेकर के मुताबिक इन मौतों को सीधे-सीधे ऑक्सीजन संकट से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। मरीजों की मौत निमोनिया से हो रही है।
शनिवार को गोवा में पिछले 24 घंटे में 58 कोविड मरीजों की मौत हुई, जिसमें से 33 की मौत जीएमसी में ही हुई। कोरोना की दूसरी लहर में गोवा में अभी तक 2000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं गोवा में पॉजिटिविटी रेट 42 फीसदी है, जो देश के सभी राज्यों से सर्वाधिक है। इसके बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली है। जहां पर सकारात्मक दर ज्यादा है।
बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने राज्य सरकार को बेकाबू हो रहे हालात को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में सरकार से पूछा कि आखिर आपसे कोरोना के मामले नियंत्रित क्यों नहीं हो पा रहे हैं। क्या आप इसे नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं। हालांकि हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने 23,000 लीटर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत की है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved