लॉस एंजलिस। कोरोना महामारी के दौर में दुनियाभर में 80 लाख टन प्लास्टिक कचरा निकला है। इसमें से 25 हजार टन प्लास्टिक कचरा महासागर में जा चुका है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार महासागर में एकत्र हुआ ये प्लास्टिक कचरा अगले तीन से चार वर्षों में तटीय क्षेत्रों या समुद्र तल में एकत्र होगा जो दुनिया के लिए एक नई परेशानी का सबब बन सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार प्लास्टिक कचरे का एक छोटा सा भाग खुले महासागर में जाएगा। इसके बाद ये महासागर के मध्य भाग में जाएगा और वहां पर कचरे का एक छोटा सा भाग दिखने लगेगा। इसके बाद ये कचरा आर्कटिक महासागर में जमा होने लगेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि महामारी के दौर में मास्क, दस्ताने व फेस शील्ड का इस्तेमाल बढ़ने से प्लास्टिक कचरे की मात्रा बढ़ी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि महामारी में बढ़ा प्लास्टिक कचरा नदियों और महासागरों के लिए समस्या का एक नया रूप है।
आर्कटिक महासागर में डूबेगा कचरा
चीन के नानजिंग यूनिवर्सिटी और अमेरिका के सेन डियागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों के अनुसार आर्कटिक महासागर में जाने वाला 80 फीसदी प्लास्टिक कचरा तेजी से डूबेगा। मॉडल के अनुसार इस तरह की स्थिति वर्ष 2025 में दिखने भी लगेगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि महामारी में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर जोर देना होगा। नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं।
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