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    भारी-भरकम अमले और तोडफ़ोड़ का 8 लाख का खर्च वसूलेंगे

  • February 06, 2021


    – राशनखोर दवे के पांच मकानों पर कार्रवाई के बाद
    – दो सौ निगमकर्मियों के साथ-साथ चार सौ मजदूरों की टीम चार दिनों तक ढहाती रही अवैध निर्माण
    – आला अधिकारियों से लेकर पूरा फौजपाटा संसाधनों के साथ था तैनात, इसका भी शुल्क जोड़ेंगे
    – तीन से चार विभाग बना रहे हैं तोडफ़ोड़ का हिसाब-किताब
    इन्दौर। पिछले दिनों जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और नगर निगम की टीम ने राशनखोर दवे बंधुओं के मकानों पर धावा बोलकर पांच मकानों के अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में मोती तबेला के अवैध निर्माण ढहाने के लिए चार दिन का समय लग गया। चार सौ से ज्यादा मजदूरों की टीम के साथ निगमकर्मियों की फौज ने कहीं हथौड़े तो कहीं ड्रिल मशीनों के माध्यम से अवैध निर्माण को तोड़ा और अब इस पर आए खर्च को जोड़ा जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक करीब 8 लाख से ज्यादा राशि खर्च हो चुकी है, जो दवे बंधुओं से वसूल की जाएगी।

    गरीबों का राशन डकारने वाले भरत दवे और श्याम दवे के साथ-साथ प्रमोद दहीगुड़े के उपभोक्ता भंडारों पर की जा रही अनियमितताओं का मामला सामने आया था। इसके बाद कलेक्टर मनीषसिंह ने अधिकारियों की टीम पूरे मामले की छानबीन के लिए लगाई थी, जिसमें कई घपले उजागर हुए। सवा सौ से ज्यादा उपभोक्ता भंडारों पर राशन की गड़बड़ी पर उन्हें अन्य राज्यों में बिक्री के लिए भेज दिया गया। इस पूरे मामले के बाद दवे बंधुओं पर प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो गई। निगम, पुलिस और प्रशासन की टीम ने सबसे पहले दवे बंधुओं के मूसाखेड़ी के समीप बने एक अवैध मकान को पूरी तरह ढहा दिया था। इसके बाद मोती तबेला के चार मकानों को निशाने पर लिया गया।


    मजदूरों को खिलाए खाने तक का बिल वसूलेंगे
    निगम रिमूवल विभाग की प्रभारी और उपायुक्त लता अग्रवाल के मुताबिक मोती तबेला में दवे बंधुओं के चार मकानों पर निगम की टीम द्वारा कई दिनों तक अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान निगम के तीन सौ कर्मचारियों के अलावा चार सौ मजदूरों की टीम बुलवाई गई थी, ताकि अवैध निर्माणों को हिस्से तोड़े जा सकें। कई गलियां संकरी होने के कारण मजदूरों की टीम की मदद ली गई और चार दिनों के बाद जाकर अवैध निर्माण तोड़े जा सके। इसके लिए बड़े पैमाने पर मजदूर बुलवाए गए, वहीं ड्रिल मशीन के साथ करीब 70 से ज्यादा लोगों को वहां काम पर लगाया गया था। इन सबको खिलाए गए खाने का खर्च भी निगम द्वारा जोड़ा जा रहा है और इसकी वसूली दवे बधुओं से की जाएगी।


    राशि के लिए नोटिस भेजा
    निगम अधिकारियों के मुताबिक दवे बंधुओं के पांचों मकानों पर कार्रवाई के दौरान निगम के अमले को खासी मशक्कत करना पड़ी। अब तक वहां की गई कार्रवाइयों से निगम का संसाधनों, अधिकारियों, कर्मचारियों की टीमों के साथ-साथ प्राइवेट मजदूरों को बुलाने का खर्च 8 लाख तक पहुंच गया है। अफसरों का कहना है कि पूरा मिलान कर जल्द ही दवे बंधुओं को नोटिस भेजकर राशि जमा कराने को कहा जाएगा।


    अमले के साथ जुड़ रहा है संसाधनों का खर्च
    निगम अधिकारियों के मुताबिक रिमूवल विभाग से दवे बंधुओं के यहां कार्रवाई के दौरान तैनात की गई टीमों को लेकर जानकारी मंगाई गई है कि वहां कितने दिनों तक कितनी टीमें लगाई गई थीं। उन पर हुआ खर्च भी जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा वर्कशाप विभाग से भी जेसीबी, डंपर, पोकलेन और अन्य संसाधनों के बारे में रिकार्ड बुलवाया जा रहा है, ताकि संसाधनों के मान से तोडफ़ोड़ की कार्रवाई का चार्ज किया जा सके। ज्ञातव्य है कि निगम द्वारा पूर्व में जेसीबी का एक दिन का किराया 4500 रुपए दिया जाता रहा है।

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