उज्जैन। जिले में 8 सीएम राइज स्कूल हैं और केवल 3 में ही नि:शुल्क बस चल रही हैं। शेष में बच्चे आज भी निजी वाहनों से स्कूल आ जा रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों का एक साल पहले ही बिना बस सेवा के निकल चुका है, अब नया साल भी लग गया है, लेकिन बस की सुविधा का कोई अता पता नहीं है।
उल्लेखनीय है कि जिले में जब सीएम राइज स्कूलों की शुरुआत हुई थी उस वक्त शिक्षा विभाग का दावा था कि ये निजी स्कूलों से भी बेहतर स्कूल बनेंगे। प्रस्ताव भी कुछ ऐसा ही है। अधिकांश विद्यार्थी सुविधाओं को देखकर ही स्कूलों में प्रवेश लेने लगे। यहाँ पहले साल पुराने भवनों में ही सीएम राइज स्कूल संचालित हुए। उन्हीं स्कूलों के भवनों को थोड़ा बहुत आकर्षक बनाकर काम चलाया गया। परिवहन की सुविधा की वजह से दूर-दराज से भी विद्यार्थियों ने विद्यालय में प्रवेश लिया। सबसे अधिक समस्या ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को आ रही है जहाँ पर दूर-दूर के गाँव से आते हैं। अब ऐसे विद्यार्थियों को निजी स्तर पर सार्वजनिक परिवहन और वेन का सहारा लेकर स्कूल पहुँचना पड़ रहा है इसके लिए हर माह अच्छी राशि देनी पड़ रही है। जिन विद्यार्थियों के पास साधन है, वह तो साधनों से आ जा रहे है। बाकी विद्यार्थियों को पैदल स्कूल आना पड़ रहा है। हालात यह है कि जिले में 8 सीएम राइज स्कूल में से 3 सीएम राइस स्कूल में बस सुविधा है, शेष में आज भी बच्चों को बस सुविधा का इंतजार हैं।
योजना में कई बार हुए री-टेंडर
जिले में सीएम राइज योजना में शामिल स्कूलों के लिए बसों की सुविधा एक साल बाद भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई है। कारण, मामले में पहले बस ऑपरेटरों ने रुचि नहीं दिखाई। सालभर में दो बार से ज्यादा री टेंडर की प्रक्रिया हुई लेकिन बस सेवा प्रारंभ नहीं हो पाई। बताया जाता है कि बस संचालक सेवा देना चाहते हैं लेकिन कम पैसे मिलने के कारण पीछे हट रहे हैं। अब दर बढऩे की सूचना मिलने के बाद से जिला स्तर पर सीएम राइज स्कूलों में बसों का अनुबंध करने के लिए काफी बस ऑपरेटर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों से संपर्क कर रहे हैं। संभावना है कि जल्द ही शेष स्कूलों में नि:शुल्क बस सेवा का लाभ बच्चों को मिलेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved