नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. सरकार की ओर से आठ विधेयकों को सदन में पेश किया जाएगा. इन विधेयकों के पास होने से चुनाव प्रक्रिया, बुजुर्ग नागरिकों को सुविधा, मीडिया संस्थानों के रजिस्ट्रेशन, कोर्ट की प्रक्रिया और डाकघर आदि पर विशेष प्रभाव पड़ेगा. आइए हम बताते हैं आपको सरकार ने सदन में किन विधेयकों को पेश करने का निर्णय लिया है और उनके क्या प्रावधान है.
द रिपिलिंग और अमेंडिंग बिल (The Repealing and Amending Bill) : पहला बिल निरसन और संशोधन विधेयक 2023 है. यह 60 पुराने कानूनों में संशोधन और निष्प्रभावी करने से संबंधित है. इसमें से एक कानून तो 137 साल पुराना है जो अंग्रेजी हुकूमत के समय लोगों पर शासन के लिए बनाया गया था.
द पोस्ट ऑफिस बिल (The Post Office Bill) : द पोस्ट ऑफिस बिल इसी साल अगस्त में लाया गया था. ये बिल पोस्ट ऑफिस एक्ट 1898 को रिप्लेस कर देगा. इस बिल को लेकर भी विरोध है. क्योंकि इसमें कई ऐसे प्रावधान है जो डाकघर अधिकारियों को छूट देते हैं. जैसे अगर किसी का पार्सल खो गया तो डाक अधिकारी पर केस नहीं हो सकेगा. किसी ने पार्सल भेजा तो उस पर अधिकारी निगरानी कर सकेंगे. उसमें क्या भेजा गया है, कहीं वह देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक तो नहीं है, किसी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नुकसान तो नहीं पहुंचाने वाला है. अगर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक कोई चीज होगी तो डाक अधिकारी उसे खोलकर चेक कर सकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर नष्ट भी कर सकेंगे.
अधिवक्ता बिल (advocate bill) : तीसरा अधिवक्ता संशोधन विधेयक है. इसमें एक ही विधेयक से कानूनी पेशे को रेगुलेट करना और दलालों पर नकेल कसना संभव होगा. कोर्ट में कई ऐसे लोगों की भरमार होती है जो कानूनी प्रक्रिया को बाधित और प्रभावित करते हैं. इस कानून के जरिए उनकी पहचान कर कोर्ट में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इस पर अमल नहीं होने पर सजा का भी प्रावधान होगा.
द प्रेस और प्रिडिकल रजिस्ट्रेशन बिल (The Press and Political Registration Bill) : ये बिल 1 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था. यह मीडिया संस्थानों के पंजीकरण से जुड़ा हुआ है. इसके तहत एक प्रेस रजिस्ट्रार की नियुक्ति होगी जो समाचार पत्रों के लिए रजिस्टर रखेगा.
वरिष्ठ नागरिक कल्याण विधेयक (Senior Citizens Welfare Bill) : यह विधेयक बुजुर्ग नागरिकों के भरण पोषण और सुरक्षा से जुड़ा है. इसके तहत बुढ़ापे में मां-बाप के लिए वित्तीय मदद, सुरक्षा और चिकित्सीय जरूरतों को पूरा की अनिवार्यता है.
जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन बिल (Jammu Kashmir Reservation Bill) : यह विधेयक राज्य के एससी, एसटी और अन्य वंचित समुदायों को नौकरियों में आरक्षण से संबंधित है.
जम्मू कश्मीर एससी ऑर्डर बिल (Jammu Kashmir SC Order Bill) : यह विधेयक जम्मू कश्मीर और लद्दाख के अल्पसंख्यक वाल्मीकि समुदाय को शेड्यूल्ड कास्ट कैटेगरी में शामिल करने से संबंधित है.
द कॉन्स्टिट्यूशन एसटी बिल (The Constitution ST Bill) : इस बिल को मानसून सत्र के दौरान 24 जुलाई को सरकार ने राज्यसभा में पेश किया था. इसके तहत छत्तीसगढ़ के मेहरा समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने का प्रावधान है.
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