रोडवेज की नंदानगर बस डिपो जमीन पर काबिज 70 से अधिक दुकानदारों की निगम करेगा शिफ्टिंग
शासन ने जमीन नीलामी का लिया है निर्णय
इंदौर। सभापति (Chairman), अपील समिति ( Appeal Committee) के चयन के बाद अब महापौर परिषद (Mayor’s Council) गठन की तैयारी की जा रही है। वहीं अधूरे पड़े परिषद हॉल (Council Hall) के लिए निगम ने कल 4 करोड़ 42 लाख रुपए के टेंडर भी जारी किए। दूसरी तरफ रोडवेज (Roadways) की नंदानगर बस डिपो (Nandanagar Bus Depot) स्थित जमीन (Land) पर बीते कई सालों से 70 से अधिक दुकानदार काबिज हैं। अब चूंकि शासन ने खाली पड़ी अनुपयोगी सरकारी जमीनों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करवाई है, उसमें रोडवेज की यह जमीन भी शामिल है। लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग ने पिछले दिनों कलेक्टर को इस जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के निर्देश भी दिए। लिहाजा नगर निगम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर दुकानदारों की शिफ्टिंग करवाएगा। इसके लिए 4 करोड़ 20 लाख रुपए का टेंडर बुलाए गए हैं। उक्त दोनों बड़े निर्माण कार्यों के लिए निगम ने साढ़े 8 करोड़ रुपए के टेंडर जारी कर दिए हैं।
इसके साथ ही देवास नाका क्षेत्र ( Dewas Naka Area) में ट्रक पार्किंग की रोड निर्माण भी जनसहयोग से किया जाएगा, जिसके लिए 70 लाख रुपए की राशि खर्च होगी, उसके भी टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं। सभी सरकारी विभागों की अनुपयोगी जमीनों की नीलामी लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा की जा रही है। इंदौर सहित अन्य जिलों की 10 से अधिक जमीनों की नीलामी की जा चुकी है। इससे शासन को लगभग 100 करोड़ रुपए हासिल भी हुए। रोडवेज चूंकि सालों पहले बंद हो चुका है, लिहाजा उसके बस डिपो सहित अन्य जमीनों को भी इस नीलामी प्रक्रिया में शामिल किया गया है। मालवा मिल से पाटनीपुरा के बीच रोडवेज की जमीन नगर निगम द्वारा खाली कराई जाएगी, जहां पर 70 से अधिक दुकानें काबिज हैं। हालांकि ये सब दुकानें एक तरह से अवैध ही हैं, क्योंकि रोडवेज की जमीन पर किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई है। मुख्य मार्ग से लगी इस बेशकीमती जमीन को खाली करवाकर ऑनलाइन नीलामी के जरिए बेचा जाएगा। लगभग 3 लाख स्क्वेयर फीट यह जमीन है। नतीजतन दुकानदारों को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम एक हिस्से में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाएगा। जिस तरह नगर निगम ने राजवाड़ा से सटी गुमटियों को हटाया था और फिर राजवाड़ा के पीछे कॉम्प्लेक्स बनाकर दुकानें आबंटित की, उसी तरह नंदानगर बस डिपो की जमीन पर काबिज दुकानदारों को विस्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 4 करोड़ 20 लाख रुपए का टेंडर जारी किया गया। इसी तरह अधूरे पड़े परिषद हॉल के लिए भी 4 करोड़ 42 लाख रुपए के टेंडर निगम ने जारी किए हैं।
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