मध्य प्रदेश को जल्द बड़ी सौगात मिलने वाली है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने मध्य प्रदेश में चल रही 26000 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत सूबे में कुल 7700 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जानी हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव ने बताया कि कुल 1350 किलोमीटर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 245 किलोमीटर लंबा हिस्सा मध्य प्रदेश से गुजर रहा है. राज्य में इसके कुल 9 खंडों में से केवल एक हिस्से में महज पखवाड़े भर का काम बाकी है.
अनुराग जैन ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अगले साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. इससे देश के दोनों महानगरों के बीच का फासला महज 12 घंटे में तय किया जा सकेगा. इंदौर में उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली से मुंबई की दूरी मौजूदा 24 घंटे के मुकाबले महज 12 घंटे में तय की जा सकेगी. यह स्थिति दिसंबर 2024 के आस-पास आ जाएगी, जब इस परियोजना के सारे खंडों में काम पूरा हो जाएगा.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव ने बताया कि 8 लेन वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से गाड़ी दौड़ाई जा सकेगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से लॉजिस्टिक्स (माल की ढुलाई और आपूर्ति के काम) को जबर्दस्त फायदा पहुंचेगा. इससे गाड़ियों में ईंधन की बचत होगी. यह मार्ग देश की तस्वीर बदल देगा.
अनुराग जैन बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की देश में चार ‘मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क’ विकसित करने की योजना है. इनमें से सबसे पहला एमएमएलपी मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में बनेगा. उन्होंने बताया कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत इंदौर में 300 एकड़ में बनने वाले एमएमएलपी के लिए जमीन अधिग्रहण का काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा. फिर इसके बाद इसका निर्माण कार्य शुरू होगा.
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