सांवेर रोड न्यू सेंट्रल जेल में 3100 कैदी रहेंगे, तीन चरणों में होगा काम
दूसरे-तीसरे चरण में और ढाई हजार कैदियों को मिलेगी नई जेल, 20 बेड का अस्पताल भी बनेगा
इंदौर, कमलेश्वरसिंह सिसौदिया। सांवेर रोड (Sanwer Road) पर वर्षों से जेल (Jail) का काम अधूरा पड़ा था। सालभर पहले यहां नए सिरे से काम शुरू किया गया। जेल में कैदियों (Prisoners) की लगातार बढ़ती क्षमता को देखते हुए इस जेल में 3100 कैदियों के रहने की क्षमता के लिहाज से इसका पुनर्निर्माण (Reconstruction) किया जा रहा है, जो कि तीन चरणों में होगा। पहले चरण का काम 9 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। यहां कैदियों (Prisoners) का इलाज भी होगा। इसके लिए अस्पताल (Hospital) भी बनाया जा रहा है।
सांवेर रोड (Sanwer Road) पर न्यू सेंट्रल जेल (New Central Jail) के नाम से कैदियों (Prisoners) के रहने के लिए जेल बनाई जा रही है। इस जेल में शुरू से ही उदासीनता के चलते वर्षों तक बिल्डिंग (Building) बनने के बाद भी काम अधूरा रहा। मार्च 2021 में जेल विभाग (Jail Department) ने यहां पर एक बार फिर से काम शुरू किया था। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की पीआईयू विंग को तीन चरणों में काम करने के निर्देश दिए गए थे। पीआईयू ने पहले चरण में 60 करोड़ की लागत से चार महीने देरी के बाद काम शुरू किया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो मार्च 2023 तक 760 कैदियों के रहने की व्यवस्था को पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद में दूसरे चरण और तीसरे चरण के काम भी किए जाएंगे। कुल मिलाकर यहां 3100 कैदियों के रहने की बैरक तीन से चार सालों में तैयार हो जाएंगी। कैदियों को यहां पर इलाज की सुविधा मिल पाए इसके लिए एक 20 बेड का अस्पताल भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें डाक्टर कैबिन, क्लिनिक, ओपीडी और हास्पिटल की सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
36 क्वार्टर का भी हो रहा निर्माण
पहले चरण में जेल के कैदियों (Prisoners) के साथ ही यहां पर स्टाफ के रहने के लिए 24 व 12 परिवार कुल 36 परिवारों के लिए स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जा रहे हैं। पुलिस परिवार को यहां पर आरामदायक सुविधा रहे, इसके लिए कुछ अतिरिक्त काम भी अगले चरण में किया जाएगा।
यह रहेंगे तीन चरण
– पहला चरण 60 करोड़-760 कैदियों के लिए
– दूसरा चरण 112 करोड़-1200 कैदियों के लिए
– तीसरा चरण 70 करोड़-900 कैदियों के लिए
जेल निर्माण कार्य के लिए कोरोना काल में देरी हुई थी, लेकिन अब काम तेजी से चल रहा है। ठेकेदार एजेंसी को पेमेंट में देरी के कारण भी कुछ काम अटका था। अब मार्च तक पहले चरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। दूसरे चरण के लिए इस्टीमेट बनाकर जेल विभाग को भेज दिया गया है।
प्रदीप कुमार सक्सेना,
संभागीय परियोजना यंत्री, पीआईयू
यह हुआ निर्माण
एडमिशन ब्लाक, मुलाकात कक्ष, 320 कैदियों (Prisoners) की दो अलग-अलग बैरक, 80 कैदियों के लिए एडमिशन ब्लाक के समीप रहने की व्यवस्था की गई है। यहां पर किचन, अनाज भंडारण के लिए भी अलग से कक्ष बन रहे हैं। इसके साथ ही 1700 मीटर की इनरवाल और 350 मीटर की सेंट्रल वाल का काम 30 से 35 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जल्द ही निर्माण कार्य पूरा करने का दावा किया जा रहा है।
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