नई दिल्ली। भारत(India) में तेज रफ्तार (High Speed) के चलते पिछले साल सड़क हादसों में 75,333 लोगों की मौत (75,333 people died in road accidents) हो गई। जबकि 2 लाख 9 हजार 736 सड़क यात्री घायल(2 lakh 9 thousand 736 road passengers injured) हुए। सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 3,54,796 में से 2,15,159 सड़क दुर्घटनाएं वाहनों के ओवरस्पीड(overspeed) चलाने के कारण हुईं, जो कि सड़क हादसों (road accidents) का 60 फीसदी है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो National Crime Records Bureau (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की अपेक्षा 2020 में सड़क हादसों में मृतकों की संख्या 0.52 से घटकर 0.45 (प्रति हजार वाहन) हो गई हैं। वहीं सड़क हादसों में कमी आई है। 2019 में 467171 सड़क हादसे हुए जबकि 2020 में यह संख्या घटकर 368828 हो गई। 2020 में सड़क हादसों में 146354 लोगों की मौत हो गई और 336248 लोग घायल हुए।
दो पहिया सवार की सबसे ज्यादा जान गईं
2020 में कुल सड़क हादसों में सर्वाधिक मौतें 58120 (43 फीसदी) दो पहिया वाहनों से हुईं हैं। वहीं, कार हादसों में 17538 लोग (13 प्रतिशत) और ट्रक हादसों में 16993 लोग (12.8 फीसदी) मारे गए। इसमें महाराष्ट्र में दो पहिया से 5877 (10 फीसदी) व यूपी में 5735 (9 फीसदी) लोग मरे हैं। कार दुर्घटनाओं में यूपी सबसे आगे है, यहां कुल कार हादसों 17,538 में से 3190 (18 फीसदी) लोगों की मौत हुई है।
पहली बार मृतकों की संख्या घायलों से ज्यादा
रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि हर साल सड़क हादसों में घायलों की संख्या अधिक होती है और मृतकों की कम। लेकिन पहली बार ऐसा हुए है जब तीन राज्यों में सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या घायलों से अधिक है। मिजोरम में 47 सड़क हादसों में 53 लोगों की मौत हुई और 45 घायल हुए। पंजाब में 5173 दुर्घटनाओं में 3916 लोगों की मौत हुई और 2881 घायल हुए। वहीं, यूपी में 28653 हादसों में 19037 लोगों की मौत हुई जबकि 15982 लोग घायल हुए।
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