तीन दर्जन महिलाएं 15 से 25 बार पकड़ी जा चुकी हैं, आबकारी की सूची में आदतन अपराधी
इंदौर। शहर की बस्तियों और गांवों (villages) में अवैध शराब (liquor) का काम अब पूरी तरह महिलाओं (women) के हवाले है। इसका पता इस बात से चलता है कि आबकारी विभाग (excise department) की आदतन अपराधी की सूची में तीन दर्जन से अधिक ऐसी महिलाएं हैं, जो 15 से 25 बार पकड़ी जा चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी इस गोरखधंधे में लगी हुई हैं। लाख प्रयास के बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग इस पर नकेल नहीं कस सका है। इसके चलते किसी दिन शहर में शराबकांड हो सकता है।
पुलिस ( police) और आबकारी विभाग (excise department) से बचने के लिए बस्तियों और गांवों में अवैध शराब (Illegal liquor) बेचने वालों ने महिलाओं को आगे कर दिया है। कई बस्तियां और गांव ऐसे हैं, जिनमें कुटीर उद्योग की तरह घर-घर में कच्ची शराब बनाई जाती है। इंदौर शहर में देसी और विदेशी शराब भी महिलाएं ही बेच रही हैं। इसके चलते पुलिस को कार्रवाई में परेशान आती है। इसलिए अब महिला बल के साथ ऐसी जगह पर छापा मारा जाता है। आबकारी विभाग (excise department) के सूत्रों के अनुसार अब तो अवैध शराब का काम 75 प्रतिशत महिलाएं ही करती हैं। यूं तो रोजाना महिलाएं पकड़ी जाती हैं, लेकिन कम मात्रा होने के कारण मौके पर ही जमानत देना पकड़ी है। लेकिन तीन दर्जन से अधिक महिला तस्कर 15 से 25 बार पकड़ी जा चुकी हैं। उनको आदतन अपराधी की सूची में रखा गया है। इनके नाम सुशीलाबाई पालदा, मुन्नीबाई जूनी इंदौर, भूरीबाई केसरबाग, सरिताबाई भील कॉलोनी, पुष्पाबाई शंकर का बगीचा, सोनूबाई मांगलिया, इंद्राबाई मांगलिया, पंगूबाई मूसाखेड़ी, कलाबाई सांवेर, पुष्पाबाई कुलकर्णी का भट्टा प्रमुख हैं। ये घर से या फिर चेंबर अथवा पानी की टंकी में शराब छुपाकर रखती और बेचती रहती हैं। सूत्रों का कहना है कि इस पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की गई तो किसी दिन उज्जैन जैसा शराबकांड इंदौर में भी हो सकता है। कई जगह पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है।
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