उज्जैन। लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्रों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चुनाव के प्रहरियों को उनकी मेहनत का महत्व देने में जिला प्रशासन ने तनिक भी देर नहीं लगाई और जैसे ही मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई जिला प्रशासन ने सभी के खातों में पैसे स्थानांतरित करना शुरू कर दिया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 73 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मतदान केंद्रों पर नियुक्त किए गए पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी दो और तीन को उनके कार्यदिवस के अनुसार भोजन, स्वल्पाहार और दैनिक मानदेय उपलब्ध करा दिया गया है। हालांकि अभी कई कर्मचारियों के खातों में राशि नहीं पहुंची है, जिसे लेकर कर्मचारी हर दिन डाटा अपडेट कर रहे हैं। धूप, गर्मी व बारिश की परवाह न करते हुए लोकतंत्र के प्रति अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन करने वाले कर्मचारियों को उनके मेहनताने का भुगतान करने में प्रशासन ने तनिक भी देर नहीं लगाई और अब तक 73 लाख 50 हजार 400 रुपए का भुगतान किया जा चुका है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मतदान के दिन और मत सामग्री ग्रहण करने के दिन कुल 2 दिन का मेहनताना इन कर्मचारियों को दिया जाता है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ट्रेनिंग के दिन भी उपलब्ध रहने पर कर्मचारियों को कार्यदिवस के आधार पर भुगतान किया जाता रहा है। आयोग के निर्देश अनुसार पीठासीन अधिकारियों को 350 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 4 दिन का 1400 भुगतान किया जाता है। वहीं 300 रुपए भोजन के भी उपलब्ध कराए जाते हैं। मतदान अधिकारी 1 को 3 दिन का 1300 रु. व भोजन के 300 रु. का भुगतान किया जाता है। दूसरे व तीसरे लेवल के मतदान अधिकारियों को 250 रुपए के मान से 3 दिन का 750 और खाने के लिए 300 व कुल 1050 रु. मेहनताना मिलता है।
विधानसभा चुनाव की पहल रंग लाई
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सफल प्रयोग को लोकसभा चुनाव में भी इस्तेमाल किया गया है। मतदान दल जैसे ही अपने-अपने केंद्रों के लिए रवाना होना शुरू हुए उनके खाते में मानदेय का भुगतान कर दिया गया। ट्रेजरी शाखा से मिली जानकारी के अनुसार शासन के निर्देश के बाद जितने भी कर्मचारियों को मतदान की ड्यूटी में लगाया गया था उनके बैंक खाता सहित महत्वपूर्ण जानकारी का डेटाबेस तैयार कर लिया गया था। इस आधार पर सभी के खातों में भुगतान लगभग पूरा कर दिया गया है। अब विभागों से मिली जानकारी के आधार पर क्रॉसचेक कर जिनके खातों में राशि नहीं आई है उन्हें भी हस्तांतरित की जा रही है।
विशेष पुलिस बल को नहीं मिला
प्रत्येक मतदान दल के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष पुलिस बल के रूप में तैनात किया गया था। सबसे निम्न वर्ग के रूप में जीवनयापन करने वाले इस तबके को अब तक उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने निर्वाचन अधिकारी को इसकी जानकारी लिखित में देने की तैयारी कर ली है। ज्ञात हो कि इन कर्मचारियों को मतदान दलों में शामिल करने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन पुलिस सेवा इकाई के रूप में इन्हें तैनात किया गया था। कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार अब तक उनसे बैंक खाते की कोई जानकारी नहीं मांगी गई है। बाकी कर्मचारियों को मानदेय का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन उनके साथ ही दुव्र्यवहार क्यों किया जाता है यह समझ से परे है।
कई बीमार भी हुए
चुनाव ड्यूटी के दौरान भीषण गर्मी के चलते कई कर्मचारी बीमार हुए। इनमें से 5 लोगों को तो उच्च रक्तचाप के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि 50 से अधिक कर्मचारियों को मौके पर ही प्राथमिक चिकित्सा देकर दोबारा काम पर लगाया गया। प्रशासन ने जगह-जगह मतदाताओं के साथ कर्मचारियों के लिए जहां चिकित्सा वैन तैनात की हुई थी, वहीं अस्पतालों में भी बेड आरक्षित किए गए थे।
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