नई दिल्ली: इस बात का अंदाजा तो आरबीआई को नहीं होगा कि जो वो फैसला करने जा रही है जो उसका रिजल्ट इतनी तेजी के साथ निकलकर आ जाएगा. यही वजह थी आरबीआई ने आम लोगों को 4 महीने से भी ज्यादा का समय दिया था. जी हां, 2000 रुपये की नोटों को लेकर जो फ्रेश रिपोर्ट आई है वो वाकई चौंकाने वाली है. इस बात की उम्मीद ना तो आरबीआई को थी और ना ही सरकार को. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर 2000 रुपये के नोट को लेकर क्या नई बात सामने आ गई है.
72 फीसदी बैंकों में लौटा 2000 रुपये का नोट
शुक्रवार को रिपोर्ट आई है कि भारत के बैंकों में 2000 रुपये के नोट एक महीने में 72 फीसदी बैंकों में जमा हो चुके हैं. जी हां, रिपोर्ट चौंकाने वाली है और सीएनबीसी टीवी18 ने इसे सूत्रों के हवाले से बताया है. 23 मई से लेकर 23 जून तक देश के तमाम बैंकों में 72 फीसदी 2000 रुपये के नोट या तो डिपॉजिट हो चुके हैं या फिर बदलवाए जा चुके हैं. 2000 रुपये के नोटों से पीछा छुड़वाने की इतनी तेजी की उम्मीद सरकार और आरबीआई ने भी नहीं की होगी और अभी 3 महीने से भी ज्यादा का समय बाकी है और 28 फीसदी नोट बैंकों में डिपॉजिट या बदलने बाकी है.
19 मई को हुआ था ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को ऐलान करते हुए कहा था कि वो 2000 रुपये का नोट सर्कूलेशन से बाहर करने का फैसला ले रहा है. आरबीआई ने कहा कि जिसके पास भी 2000 रुपये का नोट है वो 23 मई से बैंकों में डिपॉजिट या फिर बदलवा सकता है. इसकी डेड 30 सितंबर रखी गई है. आरबीआई ने जानकारी देते हुए था कि देश में 3.60 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट हैं. जिनका देश के बैंकों में आना काफी जरूरी है. ये पैसा फ्री है और सिस्टम में लौट नहीं रहा है. 2000 रुपये का नोट देश के सामने 2016 में तब लाया गया था जब नवंबर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को झटके से बंद करने का ऐलान कर दिया था.
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