• img-fluid

    युद्ध का 70वां दिन : ईयू ने की रूसी तेल और बैंकों पर पाबंदी लगाने की तैयारी, पुतिन ने भी लगाए प्रतिबंध

  • May 05, 2022

    मॉस्को/कीव/ब्रुसेल्स। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russo-Ukraine War) के 70वें दिन रूसी राष्ट्रपति (Russian President) ने अपने देश पर दूसरे देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर जवाबी कदम उठाने का आदेश दिया। दूसरी तरफ यूरोपीय संघ (EU) ने रूस के विरुद्ध अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा। इनमें चरणबद्ध तेल व बैंक प्रतिबंध शामिल हैं।

    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई का बदला लेने के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। क्रेमलिन के मुताबिक, पुतिन ने कैबिनेट से 10 दिन के भीतर उन लोगों और कंपनियों की सूची बनाने को कहा है, जिनके खिलाफ जवाबी प्रतिबंध लगाया जाना है। रूस इस सूची में शामिल लोगों से कोई कारोबार नहीं करेगा।


    वहीं, यूक्रेन पर रूसी सेना की भारी बमबारी के बीच ईयू ने रूस से तेल खरीदने पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर ली है। इसमें रूस की सबसे बड़ी बैंक स्बरबैंक और दो फायनेंस कंपनियां भी शामिल हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद को बताया कि पुतिन को अपनी क्रूर आक्रामकता के लिए एक बड़ी कीमत चुकानी होगी।

    कच्चे तेल के दाम 3 फीसदी उछले
    यूरोपीय आयोग ने 2022 के अंत तक 6 माह में रूसी कच्चे तेल व परिष्कृत उत्पादों की आपूर्ति को चरणबद्ध ढंग से खत्म करने का प्रस्ताव दिया। इससे रूस की पहले से ही 1.8 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ेगा। खबर के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमत 3 फीसदी उछलकर 1.8 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई। हालांकि स्लोवाकिया और हंगरी ने इसका समर्थन करने से इन्कार किया है क्योंकि वे अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर हैं।

    कई लोग अब भी स्टील प्लांट में फंसे
    मैरियूपोल स्टील प्लांट में बमबारी के कारण कई लोग अब भी वहीं पर फंसे हुए हैं। हालांकि 101 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। लेकिन यूक्रेन ने कहा है कि अभी भी कई नागरिक वहां फंसे हुए हैं। रूसी हमले के कारण यहां कई लोग जरूरी चीजों की आपूर्ति न होने के चलते बेहद परेशान हैं।

    रूस दूसरे देशों पर हमला नहीं करेगा, ऐसा न समझें
    जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने चेताया है कि कोई भी देश यह न समझे कि रूस उन पर हमला नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होना चाहेंगे तो जर्मनी इसका समर्थन करेगा। हालांकि दोनों ने इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

    यूक्रेन युद्ध को रोकने में असफल रही पोप की कूटनीति
    यूक्रेन पर रूसी हमले में पोप फ्रांसिस कोई कूटनीतिक छाप नहीं छोड़ पाए। ईस्टर पर युद्धविराम करने की उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख से उनकी तय बैठक रद्द कर दी गई। वह मॉस्को भी नहीं जा सकते। पोप अपने नैतिक अधिकार, ‘सॉफ्ट पावर’ या मॉस्को से वार्ता के लिए सीधी लाइन होने की सुविधा का इस्तेमाल युद्ध को रोकने या कम से कम संघर्ष विराम के लिए भी नहीं कर सके।

    दो यूक्रेनी शहरों पर कब्जे की कोशिश करेगा रूस : ब्रिटेन
    ब्रिटिश सेना का कहना है कि रूस पूर्वी यूक्रेन के क्रामातोर्स्क और सेवेरोदोनेत्स्क शहरों पर कब्जा करने की कोशिश करेगा। ब्रिटिश सेना ने बुधवार को युद्ध के बारे में ट्विटर पर दैनिक ब्रीफिंग में यह टिप्पणी की। रक्षा मंत्रालय ने कहा, रूस ने क्षेत्र में बढ़त बनाने की कोशिशों के तहत इजियम के निकट लगभग 22 बटालियन सामरिक समूहों को तैनात कर रखा है। प्रत्येक इकाई में लगभग 800 सैनिक हैं। उसके इजियम की ओर बढ़ने की प्रबल संभावना है।

    Share:

    कोरोना से रिकवर के बाद भी नही टला खतरा, दिमाग से जुड़ी यह बीमारी बना रही शिकार

    Thu May 5 , 2022
    नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने शारीरिक सेहत के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाया है. एक नई स्टडी से पता चलता है कि गंभीर कोविड संक्रमण के कारण होने दिमागी क्षमताओं पर भी बुरा असर पड़ता है, जिसमें सोचने, याद रखने और तर्क करने लेने की योग्यता पर प्रभावित होती है. इन […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved