विदिशा। खुले आसमान में अपना जीवन बीताने वाले घुमंतू समाज के लोगों के लिए एक सम्मेलन होने जा रहा है। जिले में लगभग 70 हजार ऐसे लोग हैं जिनका कोई ठिकाना नहीं है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विदिशा द्वारा मधुकर संघ कार्यालय अरिहंत विहार विदिशा में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया सर्वप्रथम विदिशा नगर के युवा पत्रकारों को सड़क दुर्घटना में दुखद निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गईए श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं
जिसके बाद प्रेस वार्ता में मध्य भारत प्रांत के घुमंतू अर्ध घुमंतु कार्य प्रमुख लखन, विश्वकर्मा ने बताया की हमारे देश में लाखों की संख्या में घुमंतू समाज रहती है, जो अपना जीवन यापन घूम कर दूसरे प्रदेशों एवं जिलों में पलायन करने के पश्चात जीवन यापन कर पाती है। इन लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, आवास इत्यादि की व्यवस्था नगण्य रहती हैं। यह सभी मौसम में खुले आसमान के नीचे अपना जीवन यापन करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं। मध्यप्रदेश में 51 प्रकार की घुमंतू जातियां हैं। इन लोगों की संख्या मध्य भारत प्रांत में 8 लाख 92 हजार है।
70 हजार की संख्या में घुमंतू
विदिशा जिले में 12 प्रकार की जाति है लगभग 70 हजार की संख्या में घुमंतू निवास करते हैं। इन लोगों के पास स्वतंत्रता से लेकर अभी तक अपने स्वयं के दस्तावेज नहीं है, जिसके कारण यह भारत में रहते हुए भी योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर पाते शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित रहते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर वर्ग हर क्षेत्र मैं कार्य करने के लिए प्रयासरत है। इन लोगों इन घुमंतू समाज के लिए उत्थान संवर्धन एवं समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए संगठन द्वारा 6 बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।
सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है
सबसे पहले दस्तावेज तैयार कर आना, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना, शिक्षा के लिए काम करना, स्वास्थ्य के लिए जागरूकता लाना, कौशल विकास के लिए रोजगार देना सामाजिक सम्मान दिलाना इन सभी के लिए संगठन कार्य कर रहा है। इसी निमित्त विदिशा में 18 दिसंबर दिन रविवार स्थान रामलीला प्रांगण विदिशा में घुमंतू अर्ध घुमंतु लोगों का एक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विदिशा जिले के समस्त घुमंतू बंधु उपस्थित रहेंगे। प्रेस वार्ता में राम किशोर अग्रवाल, लाखन सिंह जाट उपस्थित रहे।
फोटो सलंग्र 9
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