इंदौर (Indore)। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियों का राजनीतिक भविष्य तय करेगा, लेकिन इस चुनावी दंगल में बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने परिवहन विभाग से 700 बसें मांगी है। ये बसें 14 से 17 नवंबर तक अधिगृहित रहेंगी। परिवहन विभाग इन बसों को स्कूल और कॉलेजों से लेने वाला है, जिसके कारण कई स्कूलों में बच्चों के आने-जाने की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है और कई स्कूलों में जबरन छुट्टी भी घोषित हो सकती है।
चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान की तारीख घोषित की है। इसके साथ ही राजनीति तेज हो चुकी है। सभी दल पूरे जोश से मैदान में नजर आ रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग भी चुनाव की तैयारियों में जुटा है। आयोग ने जिले में चुनाव के लिए परिवहन विभाग से 14 से 17 नवंबर तक के लिए 700 बसों की मांग की है। इन चार दिनों के लिए बसो का इंतजाम करना परिवहन विभाग के लिए भी टेढ़ी खीर है। रूट से बसें अधिगृहित करने से यात्री परेशान होंगे और बस संचालक भी इसके लिए तैयार नहीं है। इसे देखते हुए बसों को स्कूल और कॉलेजों से लिया जाएगा, लेकिन इतनी संख्या में बसें लिए जाने से कई स्कूल-कॉलेजों में बच्चों के आने-जाने की व्यवस्था भंग हो सकती है। आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय दिवस के रूप में बिरसा मुंडा की जयंती होने से भी छुट्टी रहेगी, वहीं 17 को मतदान के लिए छुट्टी रहेगी। कई स्कूलों में मतदान केंद्र होने से भी छुट्टी रहेगी, साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि शिक्षण संस्थानों की अतिरिक्त बसों को ही लिया जाए। इसलिए कोशिश रहेगी कि बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो।
ट्रक, कारें और मैजिक भी होंगी अधिगृहित
चुनाव दल और सामग्री भेजने के लिए जहां 700 बसें मांगी गई है, वहीं अन्य सामान और अधिकारियों के लिए 452 अन्य वाहन भी मांगें गए हैं। इनमें 412 कारें, 20 ट्रक और 20 मैजिक वाहन हैं। इन्हें ट्रेवल्स और ट्रांसपोर्ट व मैजिक संगठनों से लिया जाएगा। शासन अधिगृहित किए जाने वाले सभी वाहनों के लिए खर्च का भुगतान भी करेगा। अधिगृहित किए जाने वाले वाहनों में ड्राइवर भी वाहन मालिक को ही देने होंगे।
पुलिस की डिमांड आना अभी बाकी, मतगणना में भी लगेंगे वाहन
चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला पुलिस बस के साथ ही रिजर्व पुलिस बस की भी तैनाती होगी। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा भी परिवहन विभाग से बसों सहित अन्य वाहनों की मांग की जाएगी, जिसके बाद यह संख्या और बढ़ेगी, साथ ही स्कूलों की परेशानी भी, वहीं मतगणना के समय भी वाहनों को अधिगृहित किया जाएगा, जिससे एक बार फिर स्कूल सहित अन्य संस्थान परेशान होंगे।
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