नई दिल्ली: कनाडा में करीब 700 भारतीय स्टूडेंट्स निर्वासन का सामना कर रहे हैं. अब इनपर स्वदेश वापसी का दबाव बन रहा है. इन स्टूडेंट्स् में ज्यादातर पंजाब से हैं. बताया जा रहा है कि कनाडा के अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों में इन लोगों के एडमिशन ऑफर लेटर को नकली पाया है. इसको लेकर सभी प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वहीं, अब पंजाब सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
दरअसल यह मामला इसी साल मार्च में सामने आया था, जब इन स्टूडेंट्स ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था. अब पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह, एनआरआई मामलों के भी मंत्री हैं, उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को इस संबंध में लेटर लिखा है और उनसे मुलाकात करने के लिए वक्त भी मांगा है.
धालीवाल ने एस जयशंकर से मिलने के लिए वक्त मांगा
धालीवाल ने बताया कि मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने के लिए वक्त मांगा है, ताकि पूरे मामले को व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के ध्यान में लाया जा सके. धालीवाल ने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि ये सभी स्टूडेंट्स निर्दोष हैं. इन लोगों को धोखेबाजों के गिरोह की ओर से धोखा मिला है.
स्टूडेंट्स को निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए- धालीवाल
धालीवाल ने पत्र में आगे कहा कि अगर आप (एस जयशंकर) इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखते हैं और कनाडा के उच्चायोग और कनाडा सरकार समेत संबंधित एजेंसियों के सामने इस मामले को रखते हैं तो इन स्टूडेंट्स को निर्वासित होने से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निर्वासित के बजाय स्टूडेंट्स के वीजा पर विचार करते हुए उनको वर्क परमिट दिया जाना चाहिए.
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