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    महाकाल क्षेत्र में लगे लाल निशानों से 700 परिवार उजड़ेंगे

  • July 09, 2021

    • अग्रिबाण की पूरे प्रभावित क्षेत्र से ग्राउंड रिपोर्ट
    • 200 बाय 70 मीटर के दायरे में सैकड़ों मकान, दुकान और होटलें आ रही
    • कई पीढिय़ों से रह रहे लोगों में विस्थापन का भय-लगातार बढ़ रहा विरोध

    उज्जैन। महाकाल चौड़ीकरण के तहत सामने के 11 मकान हटाने के बाद अपंग आश्रम तक 70 मीटर के क्षेत्र को पूरी तरह से 200 मीटर के दायरे में चौड़ा करने की कार्रवाई ने हलचल पैदा कर दी है और यहाँ 8-8 पीढ़ी से लोग रह रहे हैं और उनके पुश्तैनी मकान बचेंगे या नहीं, कहा नहीं जा सकता। मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है और महाकाल के सामने 70 मीटर यानि अपंग आश्रम की आखरी दीवार तक पूरा मैदान कर दिया जाएगा और इससे 700 परिवार प्रभावित होने जा रहा है। अग्रिबाण ने इस संबंध में जमीनी हकीकत तलाशी।

    स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत महाकाल क्षेत्र के विकास के लिए महाकाल रूद्रसागर विस्तारीकरण योजना पर शासन-प्रशासन तेजी से काम कर रहा है। हालांकि इस योजना में बड़े निर्माण कार्य ज्यादातर महाकाल मंदिर के पीछे पश्चिम दिशा में अधिक चल रहे हैं। महाकाल के पीछे रूद्रसागर क्षेत्र से लेकर नरसिंहघाट तक महाकाल वन प्रोजेक्ट के कई निर्माण मंजूर हो चुके हैं, इनमें फेसेलिटी सेंटर 2, महाकाल कॉरिडोर, रूद्रसागर का विकास से लेकर मंदिर के दक्षिण दिशा में मल्टीलेवल पार्किंग और अन्य निर्माण भी करीब-करीब पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा अब शासन-प्रशासन महाकाल मंदिर के ठीक सामने यादव धर्मशाला से लेकर नए महाकाल थाना भवन वाली महाकाल घाटी की गली तक चौड़ीकरण की प्लानिंग कर चुका है। यादव धर्मशाला से लेकर महाकाल थाना भवन तक कुछ वर्ष पहले ही जमीन अधिग्रहण की प्लानिंग कर ली गई थी। इनमें महाकाल के ठीक सामने के 11 मकानों का अधिग्रहण का काम भी करीब-करीब पूरा होने को है। इसके अतिरिक्त महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार के सामने अपंग आश्रम वाले मार्ग का पहले 70 मीटर तक चौड़ीकरण का प्लान बनाया गया था। इसके बाद अब इसी दायरे को यादव धर्मशाला के मुख्य द्वार से लेकर इसके ठीक पीछे स्थित कतिया बाखल की गली नंबर 7 से लेकर अपंग आश्रम के कार्नर से होते हुए इसके पीछे स्थित महाकाल घाटी की गली नंबर 2 होते हुए यहाँ से महाकाल घाटी की गली नंबर 1 तक 70 मीटर के दायरे में जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण के लिए निशान लगा दिए हैं। यह निशान लगते ही यादव धर्मशाला से लेकर महाकाल घाटी की गली नंबर 1 तक के रहवासियों में विस्थापित होने का भय बढ़ गया है। इस कार्रवाई के बाद महाकाल के ठीक सामने 200 बाय 70 वर्गमीटर के दायरे में आने वाले सैकड़ों मकान, दुकान, होटल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस मालिकों के साथ-साथ क्षेत्र में मौजूद किरायेदारों से लेकर इन संस्थानों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों में किसी को सिर से छत छिन जाने तथा किसी को बेरोजगार होने का भय सता रहा है। विस्थापित होने जा रहे करीब-करीब सभी नागरिक और व्यवसायी शासन, प्रशासन की इस कार्रवाई को लोगों को आवास विहिन करने और बेरोजगार करने का प्रयास करार दे रहे हैं। कई महीनों से क्षेत्र के लोग विधायक, सांसद, मंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक से यह कार्रवाई रोकने की मांग कर रहे हैं।

    बाबा रामदेव मंदिर से लेकर खंडेलवाल गेस्ट हाउस के आगे तक हटाने के लिए कार्रवाई शुरु
    क्षेत्र के लोगों के अनुसार दो-तीन दिन पहले जिला प्रशासन की टीम के द्वारा यादव धर्मशाला के पीछे स्थित प्राचीन बाबा रामदेवजी के मंदिर के मध्य से लेकर अपंग आश्रम के पीछे गली नंबर 2 के मकान नंबर 18 तक और इसके आगे महाकाल घाटी की गली नंबर 1 स्थित खंडेलवाल गेस्ट हाउस के आगे स्थित मकान तक 70 मीटर के मान से निशान लगाए जा चुके हैं। हालांकि क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अभी तक उन्हें नगर निगम या जिला प्रशासन की ओर से अभी कोई लिखित या मौखिक आदेश या सूचना प्राप्त नहीं हुई है लेकिन चौड़ीकरण के निशान लगने के बाद से ही उनकी नींद उड़ गई है।

    निशान के अनुसार चौड़ीकरण हुआ तो आश्रम और धर्मशाला भी नहीं बचेंगे
    महाकाल मंदिर के ठीक सामने स्थित दक्षिण दिशा में मौजूद 1976 में बनी 45 वर्ष पुरानी यादव समाज की धर्मशाला से लेकर 1929 में बने और 1933 में रजिस्टर्ड हुए महाकाल के ठीक सामने स्थित 90 साल पुराने अपंग सेवा आश्रम का पूरा भाग भी इसकी जद में आ जाएगा। इसके अलावा महाकाल थाना भवन के सामने वाली महाकाल घाटी की गली नंबर 1 के मकान भी खंडेलवाल गेस्ट हाउस तक नहीं बच पाएँगे।

    जिन्होंने बैंक लोन ले रखे हैं उनका मरण
    यादव धर्मशाला के पीछे स्थित कतिया बाखल की गली नंबर 7 के रामदेव मंदिर से चौड़ीकरण के निशान लगने के बाद से क्षेत्र लोग परेशान हैं। यहीं पर गेस्ट हाउस का संचालन करने वाले रवि गुजरिया ने चर्चा में बताया कि 4 साल पहले उन्होंने बैंक से लोन लेकर गेस्ट हाउस बनवाया। उस वक्त अगर शासन, प्रशासन हमें बता देता कि कुछ ही सालों में यहाँ से सब कुछ हटाया जाएगा तो बैंक के कर्जदार होने से बच जाते। मंदिर के सामने रहवासी क्षेत्र में चौड़ीकरण करना हमारी समझ में नहीं आ रहा। इससे इसी क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के गेस्ट हाउस, दुकानें और मकान टूटेंगे और कई लोग बेरोजगार और मकान विहीन होने के साथ-साथ बैंकों के कर्जदार भी हो जाएँगे। यहीं के निवासी राजेन्द्र कुराडिय़ा ने बताया कि उनकी अजीविका का साधन भी उनका अपना गेस्ट हाउस है। जब यही नहीं रहेगा तो परिवार कैसे पालेंगे और बैंक का लोन कहाँ से अदा करेंगे। यहाँ के अन्य रहवासियों ने भी इसका विरोध जताते हुए कहा कि कई पीढिय़ों से वे यहाँ रह रहे हैं।

    कई पीढिय़ाँ हो गई, मुआवजे में प्लाट तक नहीं आ पाएगा
    इधर अपंग आश्रम के ठीक पीछे स्थित गली नंबर 2 में मकान नंबर 18 तथा आसपास के रहवासियों ने बताया कि वे यहाँ पिछली 5 से 6 पीढिय़ों से रह रहे हैं। निवासी राजेन्द्र पिता बाबूराव शिंदे ने कहा कि महाकाल के ठीक सामने 70 मीटर के दायरे में चौड़ीकरण का प्लान समझ से परे है। उन्होंने कहा कि पहले जिला प्रशासन ने महाकाल मंदिर के सभामंडप को सेंटर मानकर 70 मीटर सामने की जमीन अधिग्रहित करने की बात कही थी। उसके बाद महाकाल मंदिर के ठीक सामने लगी रैलिंग से 70 मीटर की माप की जा रही है। इसी के चलते कई लोगों के मकान चौड़ीकरण की चपेट में आ रहे हैं। महाकाल के आसपास निवास करने वाले लोग ज्यादातर व्यवसायी हैं। इसी के जरिये परिवार का पालन पोषण होता रहा है। यहीं के निवासी विशाल पिता रंजित शिंदे व हेमंत काले पिता हरिभाई काले ने कहा कि महाकाल विस्तारीकरण के सारे काम जब मंदिर के पीछे वाले भाग में हो रहे हैं तो इसके आगे 70 मीटर के दायरे में चौड़ीकरण का कोई मतलब नहीं हैं। सालों से इस क्षेत्र के रहवासी महाकाल भक्त मंडल के बैनर तले प्रमुख त्यौहारों से लेकर आपदा के वक्त भी महाकाल की सेवा करते आए हैं। मुआवजा भी 1120 रुपए वर्ग फीट देने की बात कर रहे हैं। इससे तो अवैध कॉलोनी में प्लॉट तक नहीं मिल पाएगा। इसके बावजूद उन्हें विस्थापित किया जा रहा है। इस कार्रवाई के विरोध में वे दोनों विधायकों, सांसद, केबिनेट मंत्री से लेकर जिले के प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री तक विरोध प्रदर्शन कर अपनी बात रख रहे हैं। इसी तरह महाकाल घाटी गली नंबर 1 के निवासी राजेन्द्र पिता मेहरबान सिंह ने बताया कि उनका परिवार भी कई पीढिय़ों से यहाँ रह रहा है। चौड़ीकरण की जद में उनका मकान और गेस्ट हाउस भी आ रहा है। चौड़ीकरण हुआ तो उनके समेत क्षेत्र के कई लोगों के मकान और रोजगार सबकुछ छिन जाएँगे। क्षेत्र के लोगों में यह भी चर्चा थी कि पहले जिला प्रशासन ने महाकाल थाने से लेकर महाकाल घाटी गली की दोनों पट्टियाँ चौड़ीकरण के दायरे में लेने की बात कही थी लेकिन पूर्व विधायक कांग्रेस नेता डॉ. बटुकशंकर जोशी के परिवार के पुस्तैनी मकान वाली पट्टी अब इस दायरे से बाहर कर दी गई है।

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