लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज पिछले 70 सालों में बेरोजगारी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी और उनके अफसर बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाने की बजाए कागजी दावों से निपटना चाहते है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह फेल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगभग 40 लाख के करीब पहुंच गयी है जो कि सरकार द्वारा वर्ष 2018 में पेश किये गये आंकड़ों से 54 प्रतिशत अधिक है। सरकार बेरोजगारी से निपटने के कोई ठोस उपाय करने के बजाए आये दिन बेरोजगारों से झूठे वादे करके नया-नया शिगूफा छोड़ती रहती है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान कोई नये उद्योग, फैक्टरी धरातल पर नहीं आ पाये हैं। जो पहले से मौजूद उद्योग और लघु उद्योग-धन्धे से योगी सरकार की गलत नीतियों के चलते बन्द हो गये हैं या बन्दी की कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि रोजगार के बावत सरकार सिर्फ लोन मेला लगाकर युवाओं के सिर पर ऋण का बोझ बढ़ाने का काम किया जा रहा है। शिक्षित बेरोजगार मारे-मारे फिर रहे हैं और कोई भी भर्ती सम्पन्न नहीं हो रही है। सरकार सिर्फ आंकड़े की बाजीगरी करके युवाओं को लुभाने का काम कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार से जब जब बेरोजगारी के बारे में आंकड़े मांगे गये हैं उतनी बार आंकड़े पहले से बढ़कर मिले हैं। इन्वेस्टर्स समिट, स्मार्ट सिटी के नाम पर तमाम लुभावने इवेन्ट्स सरकार ने कराए। लेकिन, जमीनी हकीकत में न तो कोई रोजगार आया और न ही इन्फ्रास्ट्रक्चर में कोई सुधार।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास के नाम पर योगी सरकार युवाओं में भ्रम पैदा कर रही है। सच्चाई तो यह है कि योगी सरकार के पास युवाओं और बेरोजगारों के लिए न तो कोई ठोस नीति है और न ही नियत। महज कागजी प्रजेन्टेशन और कागजी प्लान के जरिये प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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