एक कोच में 24 मरीजों के रहने की व्यवस्था
इन्दौर। शहर में जिस तरह कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसको लेकर आइसोलेशन वार्ड की भी जरूरत होगी। रेलवे ने इसके लिए अप्रैल माह से ही कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाना शुरू कर दिया था। इन्दौर में अभी 70 कोच आइसोलेशन के रूप में तैयार हैं, जिन्हें 5 और 6 नंबर प्लेटफॉर्म पर रखा गया है।
अप्रैल में जब पूरे देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा था, तब रेलवे मंत्रालय ने खाली पड़े रेलवे कोच को आइसोलेशन वार्ड के रूप में उपयोग किए जाने के आदेश दिए थे और इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई गाइड लाइन के अनुसार तैयार करना शुरू कर दिया था। हालांकि अभी तक देश में इसकी कहीं भी आवश्यकता नहीं पड़ी है, लेकिन अभी भी कोच आइसोलेशन कोच के रूप में रेलवे स्टेशनों पर खड़े हुए हैं। इन्दौर में 5 और 6 नंबर प्लेटफॉर्म पर ये कोच खड़े किए गए हैं। इस बीच कई बार इनका मेंटेनेंस भी कर दिया गया है। कोच में ऑक्सीजन के साथ-साथ एक कैबिन में दो मरीजों के रहने की सुविधा रखी गई है। इन्दौर में इस तरह के 70 कोच तैयार किए गए हैं। प्रत्येक कोच में 24 यात्रियों का रखा जा सकता है। इस हिसाब से 1680 मरीजों को यहां आइसोलेटेड किया जा सकता है। हालांकि अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे से इस संबंध में संपर्क नहीं किया है, लेकिन आवश्यकता पड़ती है तो इन कोच का उपयोग किया जाएगा।
हमने 70 कोच तैयार कर रखे हैं और जिस प्रकार की गाइड लाइन हमें दी गई थी, उसके अनुसार हमारी पूरी तैयारी है। फिलहाल इन्हें 5 और 6 नंबर प्लेटफॉर्म पर खड़ा किया गया है।
-जितेन्द्रकुमार जयंंत, रेलवे प्रवक्ता
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