इंदौर। कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफे के साथ ही वे अन्य कितने लोगों को संक्रमित कर रहे हैं उसके लिए कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी करवाई जा रही है। अभी तक 70 हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की तलाश की जा चुकी है और उसी आधार पर तमाम सर्वे और एंटीजन रैपिड टेस्ट व सीरो सर्वे में लोगों को शामिल किया गया, ताकि संक्रमण की दर लगातार घटाई जा सके। बीते दिनों में हालांकि संक्रमण दर बढक़र 9-10 प्रतिशत पहुंची है, क्योंकि सेम्पलों की संख्या तो घटी, वहीं पॉजिटिव मरीजों की संख्या उसकी तुलना में ज्यादा बढ़ी है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कोरोना संक्रमण बढऩे के शुरुआती दौर में ही जीएसआईटीएस की कम्प्यूटर लैब का इस्तेमाल किया, ताकि एक-एक क्षेत्र और वहां संक्रमित होने वाले मरीजों का डाटा तैयार किया जा सके। इसमें एआईसीटीएसएल में बने अत्याधुनिक कंट्रोल रूम का भी इस्तेमाल किया गया। दरअसल एक कोरोना मरीज 5 से 10 लोगों को संक्रमित करता है। लिहाजा यह प्रयास रहे कि ज्यादा से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री पॉजिटिव मरीजों की तलाश की जाए, ताकि उतने और लोगों के सैम्पल फटाफट लिए जा सकें। हालांकि बावजूद इसके इंदौर में अभी तक 12 हजार 31 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। वहीं कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ. अनिल डोंगरे का कहना है कि 70 हजार से अधिक पॉजिटिव कोरोना मरीजों की कॉन्ट्रैक्ट हिस्सी तलाशी जा चुकी है और उसके आधार पर संक्रमित होने वाले लोगों को भी जांच के दायरे में लिया जा चुका है। इन पॉजिटिव मरीजों में से पुरुषों की संख्या 40 हजार से अधिक है, तो महिलाओं की 32 हजार से ज्यादा और बच्चों सहित गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों की भी संख्या 50 से ज्यादा है। दरअसल कोरोना की चपेट में आकर जिन लोगों की मृत्यु हुई उनमें ज्यादातर अधिक उम्र के अलावा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, हार्ड या अन्य बीमारियों से पहले से ही ग्रसित लोग ज्यादा चपेट में आए हैं। 70 से 80 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव, सिम्टोमैटिक मरीज भी मिल रहे हैं। इसी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर अभी पिछले दिनों सीरो सर्वे करवाया गया, जिसमें 7 हजार सेम्पल एंटीबॉडी टेस्टिंग के लिए हासिल किए गए, जिनकी जांच एमजीएम कॉलेज की लैब में की जा रही है, जिसके लिए दिल्ली की टीम भी मदद कर रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved