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    70 फीसदी कोरोना मरीज बिना लक्षणों वाले मिले

  • October 05, 2020

    • सितम्बर में 10878 मरीजों में से 7690 में कोई लक्षण नहीं
    • अधिकांश होम आइसोलेशन में ही ठीक

    इंदौर। अभी रोजाना भले ही 500 तक नए पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, लेकिन इनमें से 70 फीसदी ए सिम्टोमैटिक यानी बिना लक्षणों वाले ही हैं, जिनमें से अधिकांश का आसानी से होम आइसोलेशन में ही इलाज हो रहा है। सितम्बर के माह में जो 10 हजार 878 नए पॉजिटिव मरीज मिले, उनमें से 7690 बिना लक्षणों वाले ही थे। ये मरीज 90 हजार सेम्पलों की जांच के बाद सामने आए, जिनमें से 3188 पॉजिटिव ऐसे मिले जिनमें अधिक, तो कुछ कम लक्षण पाए गए। इनमें भी गंभीर बीमारियों और अधिक उम्र के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा और उनमें से कई की मौत भी हो गई।
    अभी तक इंदौर में 26 हजार 382 कोरोना मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से मरने वालों की संख्या 597 और अभी तक स्वस्थ हो चुके मरीजों की संख्या 21 हजार 346 है और 4439 मरीज अस्पतालों और होम आइसोलेशन में उपचाररत है। इंदौर में रिकवरी रेट 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो कि देश के औसत रिकवरी रेट से भी 6 फीसदी से अधिक है, तो मृत्यु दर भी घटकर 1.55 प्रतिशत पर आ गई है। पॉजिटिव रेट अवश्य बढ़ा है, लेकिन चिंता की बात इसलिए नहीं क्योंकि अधिकांश ए सिम्टोमैटिक मरीज ही मिल रहे हैं। बीते 10 दिनों में हालांकि 10 से 15 प्रतिशत के बीच पॉजिटिव रेट मिल रहा है, लेकिन उससे अधिक स्वस्थ होने वालों की दर बढ़ी है। अभी रैपिड एंटीजन टेस्ट भी लगातार बढ़ रहे हैं। दो से ढाई हजार टेस्ट रोजाना इसी से किए जा रहे हैं, जिनकी संख्या 66 हजार तक पहुंच गई है। सितम्बर माह में हालांकि सबसे अधिक कोरोना मरीज मिले हैं। औसतन 400 से अधिक मरीज मिलते रहे, जिसके चलते 90 हजार सेम्पलों की जांच में 10878 पॉजिटिव पाए गए, लेकिन इनमें से 70 फीसदी यानी 7690 ए सिम्टोमैटिक यानी बिना लक्षणों वाले मरीज शामिल हैं। वहीं 3188 मरीज ऐसे मिले, जिनमें अधिक या कम लक्षण पाए गए हैं। डिस्ट्रीक्ट कॉन्ट्रैक्ट ट्रैसिंग प्रभारी अनिल डोंगरे का कहना है कि अभी लोग खुद ही निजी लैब या फीवर क्लीनिकों के माध्यम से जांच करवाने आ जाते हैं। सर्दी, जुखाम, बुखार से पीडि़त लोग भी कोरोना की जांच करवा लेते हैं। बड़ी संख्या में होम आइसोलेशन में ही मरीजों का इलाज हो रहा है। यही कारण है कि रोजाना अधिक मरीज मिलने के बावजूद इलाज में परेशानी नहीं आ रही है। इधर अस्पतालों की बात करें तो जिन 29 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है उनमें से चुनिंदा अस्पतालों को छोड़कर अन्य एक दर्जन से अधिक अस्पतालों में लगभग 600 बैड अभी खाली ही हैं। हालांकि आधे से ज्यादा मरीज बैड बाहरी मरीजों से ही भरे हैं, लेकिन बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या अधिक होने से उनका इलाज अस्पतालों की बजाय घरों में ही हो रहा है और यही कारण है कि रिकवरी रेट भी 90 फीसदी तक पहुंच गया।
    दोबारा संक्रमित तीनों मरीज महिलाएं
    प्रदेश में अभी तक ऐसे 6 मामले सामने आए हैं, जिनमें पूर्व में कोरोना पॉजिटिव होकर ठीक हो चुके मरीज दोबारा इससे संक्रमित हो गए। इनमें से 3 मरीज इंदौर के और 3 भोपाल के हैं, जिनमें से 5 महिलाएं हैं। इनमें तीन डॉक्टर हैं और एक अन्य मरीज है। इंदौर में जो तीन मरीज दोबारा संक्रमित हुए वे तीनों महिलाएं ही हैं, जिनमें एक 36 वर्षीय डॉक्टर 16 जून को पॉजिटिव हुई थी और इलाज के बाद ठीक हो गई, लेकिन 19 सितम्बर को फिर पॉजिटिव हो गई। इसी तरह नॉर्थ तोड़ा की एक महिला भी दोबारा पॉजिटिव हुई और तीसरी पलासिया निवासी महिला है।

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