इंदौर। कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे के कारण ताबड़तोड़ नया बना सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल 27 अगस्त को मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पित करवाया जा रहा है। हालांकि यह हॉस्पिटल गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बनवाया गया, जो फिलहाल कोरोना मरीजों के काम आएगा, क्योंकि अनुबंधित अस्पतालों में बिस्तर भर गए हैं। एमवाय अस्पताल जहां 70 लाख में बन गया था, वहीं इस नए हॉस्पिटल के निर्माण पर ही 140 करोड़ रुपए खर्च हो गए। 64 साल बाद इंदौर को एक बड़े सरकारी अस्पताल की सौगात मिल रही है। सात मंजिला एमवाय जैसा अस्पताल, जो कि महाराजा होलकर ने बनवाया था, उसके बाद कोई सरकार इस तरह का हॉस्पिटल बनवा ही नहीं सकी।
700 से अधिक बिस्तरों का यह अस्पताल सालों से गरीबों का इलाज कर रहा है। 6 जून 1948 को एमवाय अस्पताल का शिलान्यास किया गया और 20 फरवरी 1950 से अस्पताल बनना शुरू हुआ और 6 साल बाद 23 अक्टूबर 1956 को बनकर तैयार हुआ। इस पर उस वक्त लगभग 70 लाख रुपए खर्च किए गए थे। अब उसी के आगे नया सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बना है, जो 536 बिस्तरों की क्षमता वाला है। इस पर हालांकि कुल 237 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, जिनमें से 66 करोड़ उपकरण और अन्य सुविधाओं पर हैं, लेकिन हॉस्पिटल के निर्माण पर 140 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह हॉस्पिटल हालांकि हृदय रोग, किडनी, न्यूरोसर्जरी जैसी अन्य गंभीर बीमारियों के लिए बनवाया गया है, लेकिन अभी कोरोना के चलते इसकी शुरुआत फटाफट की जा रही है, क्योंकि लगातार मरीज बढ़ रहे हैं और अनुबंधित अस्पतालों के अलावा कोरोना के लिए चिह्नित सरकारी अस्पतालों में भी बिस्तर कम पडऩे लगे हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 27 अगस्त को इसका लोकार्पण कर रहे हैं। कलेक्टर मनीषसिंह ने बताया कि यह अस्पताल पूर्ण रूप से तैयार हो गया है और शीघ्र ही शुरू हो रहा है। वर्तमान में इस अस्पताल में कोरोना का इलाज प्रारंभ किया जा रहा है। अस्पताल के 100 आईसीयू बेड को भी कोरोना के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाएगा। इस अस्पताल के शुरू होने से कोविड के इलाज में बहुत मदद मिलेगी। बताया गया कि यह हॉस्पिटल दस मंजिला है। इसमें बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर शामिल हैं। यह हॉस्पिटल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रहेगा। इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं वाले छह आईसीयू और 10 ऑपरेशन थिएटर होंगे। हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, हृदय शल्यक्रिया, बायपास, हृदय रोग संबंधी अन्य उपचार, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी आदि की विशेष व्यवस्था रहेगी। यहां अंग प्रत्यारोपण की सुविधा भी होगी। यहां सभाकक्ष, लाइब्रेरी, क्लास रूम, कैंटीन, कैफेटेरिया आदि भी रहेंगे। बताया गया कि यह हॉस्पिटल 237 करोड़ रुपए की लागत से बना है।
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