नई दिल्ली। बढ़ते डिजिटलीकरण और जागरुकता के कारण पिछले पांच महीने में म्यूचुअल फंड उद्योग में 70 लाख नए खाते खोले गए हैं। इसके साथ ही कुल खातों की संख्या अगस्त तक 13.65 करोड़ हो गई है, जो मार्च तक 12.95 करोड़ थी। 2021-22 में कुल 3.17 करोड़ खाते या फोलियो और उसके पहले के साल में 81 लाख खाते खोले गए थे।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, शेयर बाजार में नए निवेशकों के आने से म्यूचुअल फंड में भी इसका असर दिख रहा है। जानकारों के मुताबिक, कोरोना के समय लोगों ने बचाने की आदत डाली और साथ ही व्यवस्थित निवेश योजनाओं का सहारा लिया। साथ ही पारंपरिक निवेश साधनों से पैसे अब म्यूचुअल फंड में लगाए जा रहे हैं।
मई, 2021 में 10 करोड़ खाते
आंकड़ों के अनुसार, कुल 43 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास मई, 2021 में 10 करोड़ खाते थे। उस आधार पर इसमें तीन करोड़ से ज्यादा की बढ़त आई है। खुदरा निवेशकों का फोलियो मार्च तक 55.2 फीसदी था, जो अगस्त में 56.6 फीसदी हो गया। कोरोना के बाद से शेयर बाजार में भारी तेजी आने से निवेशकों का आकर्षण इक्विटी बाजार में बढ़ा था। हाल के दौरान गिरावट के बाद भी दुनिया भर के बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार बेहतर रहे हैं।
2019-20 में 73 लाख निवेशक जुड़े थे
आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में कुल 73 लाख निवेशक जुड़े थे। 2018-19 में 1.13 करोड़, 2017-18 में 1.6 लाख, 2016-17 में 67 लाख और 2015-16 में 59 लाख निवेशक जुड़े थे। ज्यादा निवेशक इक्विटी, हाइब्रिड और सोल्यूशन केंद्रित फंडों में किया गया है। इसमें अधिकतम निवेश खुदरा निवेशकों ने किया है जिनकी संख्या 10.85 करोड़ थी। कुल 39.5 लाख करोड़ रुपये उद्योग का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) है।
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