इंदौर (Indore)। चुनाव से पहले सीआई सेल के पूरे शहर के जवानों को हटाना हैरत भरा फैसला लग रहा है, लेकिन थानों में सालों से डटे अंगद के पैरों को पुलिस अधिकारी नहीं हिला पाए। ये राजनैतिक रसूख के चलते थानोंं पर डटे हैं। पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर के आदेश से इंदौर के चारों झोनों के सभी थानों में तैनात सीआई सेल (सूचना संकलन करने वाले पुलिसकर्मियों) को हटा दिया गया है, जिनकी संख्या करीब 70 के आसपास है। चुनाव सिर पर है। ऐसे में इन जवानों को हटाना हैरत वाली बात लग रही है, क्योंकि यही जवान पूरे इलाके की गोपनीय जानकारी डीएसबी को देते हैं। ये जवान बताते हैं कि कहां क्या हो रहा है, कौन सा इलाका कितना संवेदनशील है और कौन हरकत कर सकता है।
ऐसे में इन्हें हटाना कहीं गलती न हो जाए। हालांकि बाणगंगा, हीरानगर और अन्य थानों में ऐसे भी सीआई सेल के जवान हैं, जो राजनैतिक पहुंच के कारण हटने से बच गए। उधर इंदौर के थानों में ऐसे भी अंगद के पैर की तरह सालों से डटे पुलिस वाले हैं, जो तबादलों के बाद भी नहीं हटते। क्राइम ब्रांच में हृदयेश शर्मा, जितेंद्र मिश्रा, रणवीर, ओमप्रकाश सालों से डटे हैं। हृदयेश के बारे में बताया जा रहा है कि वह तो 8 साल से यहां डटा है। एक बार तबादल हुआ था, लेकिन वापस जुगाड़ कर यहां लौट आया। चंदन नगर में विजय कटारे, लसूडिय़ा में गौतम पाल, बृजेश चौरे, बाणगगंा में मालाकार सिकरवार, शैलेंद्र मीणा सीआई सेल, कोतवाली में शेरू ये ऐसे अंगद के पैर हैं, जिन्हें अधिकारी भी हटाने में सोच रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved