इंदौर। बड़ा सराफा (big bullion) के नगारची बाखल में जिम ट्रेनर की गड््ढे में गिरने से मौत हो गई। पिछले दो वर्षों के दौरान नगर निगम के डे्रनेज विभाग (drainage department) और नर्मदा प्रोजेक्ट (Narmada Project) ने शहर के सैकड़ों स्थानों पर लाइनों के लिए सडक़ों की खुदाई की, लेकिन मरम्मत के नाम पर मुरम बिछाकर छुट्टी कर ली। अब वहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। 70 से ज्यादा स्थान ऐसे हैं, जहां सडक़ें नहीं सुधारी गईं।
सबसे पहले बीआरटीएस (BRTS) का कबाड़ा किया गया था। वहां ड्रेनेज और पानी की लाइनों के लीकेज ढूंढने के लिए जगह-जगह खुदाई करने के बाद मरम्मत के नाम पर अस्थायी पैचवर्क कर दिया गया था, जो अभी भी वाहन चालकों के लिए मुसीबत बना हुआ है। इनमें विजयनगर, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के सामने, गीता भवन चौराहे के समीप और कुछ अन्य स्थान हैं, जहां सडक़ों के सुधार कार्य नहीं हुए हैं। इसके बाद मंडी क्षेत्र में लाइनें बिछाने के लिए निगम के ड्रेनेज विभाग (Corporation’s Drainage Department) और नर्मदा प्रोजेक्ट ने बड़े पैमाने पर सडक़ें तहस-नहस की, लेकिन लाइन बिछाने वाली कंपनियों ने वहां सुधार कार्य शुरू नहीं किए। कुछ महीने पहले रामबाग से लेकर शिवविलास पैलेस, जवाहर मार्ग, चंद्रभागा, पागनीसपागा, महू नाका आदि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खुदाई के कार्य लाइनों के लिए हुए हैं, लेकिन वहां भी मरम्मत नहीं हुई है। 70 से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जहां सडक़ों की मरम्मत विभिन्न कारणों से अटकी पड़ी है।
सारी टेस्टिंग के बाद सडक़ें सुधारेंगे : श्रीवास्तव
नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक शहर में नई टंकियों के लिए सप्लाय लाइन बिछाने के काम दर्जनों स्थानों पर चल रहे हैं। रामकी और एलएनटी कंपनी को एक बार फिर कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे खोदी गई सडक़ों का मरम्मत कार्य प्राथमिकता से पूरा करें। हालांकि कई बार लाइनें बिछाने के बाद टेस्टिंग और कुछ अन्य प्रक्रियाओं के कारण मामला अटका रहता है, लेकिन खोदी गई सडक़ों की मरम्मत कराना संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी है।
सडक़ें खोदी, नहीं की मरम्मत
पिछले दो सालों में बनी कम खुदी ज्यादा चंद्रभागा, जूनी इंदौर, रामबाग, जवाहर मार्ग, मंडी क्षेत्र के हाल बेहाल
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