भोपाल। राजधानी की यातायात पुलिस में पदस्थ सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ डीसीपी हंस राज ने कड़ा एक्शन लिया है। सभी पर राहगीरों को अनावश्यक रूप से परेशान करने,अवैध वसूली और कई वाहन चालकों को गंभीर लापरवाही में पकड़े जाने के बाद बिन कार्रवाई किए छोड़े जाने की शिकायतें थीं। जिसके बाद में सभी सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि कार्रवाई को बेहद ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया है। सूत्रों की माने तो कार्रवाई से पूर्व डीसीपी ने स्वयं औचक निरिक्षण किया था। पूरी कर्रवाई यातयात पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों के लिए चर्चा के विषय बन गई है। कुछ इसी सही तो कुछ इसे गलत ठहराने पर तुले हुए हैं।
निलंबन आदेश के अंश
आदेश में साफ तौर पर लिखा गया है कि निलंबित किए गए पुलिसकर्मी एसआई मलखान सिंह,एएसआई सुंदर लाल,आरक्षक संदीप कुमार,राजेश, अतुल, देवेंद्र व एक अन्य देवेंद्र की भुमिका कार्यस्थल पर संदिग्ध थी। फोन पर बात करते हुए जा रहे वाहन चालक को रोकने के बाद भी बिन कार्रवाई किए छोड़ दिया गया। अन्य वहन चालकों को अनावश्यक रूप से परेशान करते पाए गया है।
बहाली पर असमंजस
पांच दिन पहले की गई इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों ने अपने कदम पीछे लिए हैं। अब सभी निलंबित पुलिसकर्मियों को बहाल किए जाने की बात कही जा रही है। दावा किया जा रहा है कि सभी को बहाल कर दिया गया है। हालांकि डीआरपी लाइन से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह 11 बजे तक बहाली का कोई आदेश नहीं मिला था। निलंबित किए गए एसआई मलखान सिंह ने भी बताया कि उन्हें दोबारा बहाली के संबंध में अब तक कोई जानकारी नहीं है।
इनका कहना है
पांच दिन पहले सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की थी। सभी को दोबारा बहाल कर दिया गया है।
हंसराज, डीसीपी टैफिक भोपाल
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