कोरोना उपचार की जो दरें कलेक्टर ने तय की उससे अधिक राशि लेने की जांच का मरीजों के परिजनों को मिलने लगा फायदा
इंदौर। निजी अस्पतालों (Private Hospitals) के लिए पिछले दिनों कलेक्टर ने कोरोना उपचार (Corona Treatment) से संबंधित दरें निर्धारित की थी और सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिए कि इससे अधिक राशि वसूल ना की जा। इसके साथ ही दो अधिकारियों को अधिक बिल से संबंधित शिकायतों की जांच का जिम्मा सौंपा गया। अभी तक 20 मरीजों से ली गई 7 लाख रुपए से ज्यादा की राशि प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद अस्पताल संचालकों से वापस करवाई है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने भी पिछले दिनों निर्देश दिए कि कोरोना उपचार की दरें जो निर्धारित की गई हैं उससे अधिक मरीजों के परिजनों से वसूल ना की जाए। इसके साथ ही आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) का लाभ भी गरीब परिवारों को दिया जा रहा है और इंदौर में 80 से अधिक निजी अस्पताल जुड़ गए हैं। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने कोरोना टेस्टिंग ( Corona Testing) से लेकर अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए दरें निर्धारित कर दी, जिसमें अधिकतम 40 प्रतिशत की वृद्धि सामान्य दिनोंकी तुलना में की गई। दरअसल शहर के बड़े अस्पतालों की तुलना में जो छोटे-छोटे अस्पताल हैं, जिन्हें कोरोना इलाज की अनुमति प्रशासन ने दी वे लाखों रुपए की वसूली में जुट गए। रोजाना शिकायतें भी इश संबंध में आने लगी, जिसके चलते कलेक्टर ने अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा और राजेश राठौर को इन शिकायतों के निराकरण की जिम्मेदारी सौंपी और उसके बाद फिर अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर को निर्देश दिए कि वे इसकी मॉनिटरिंग करते हुए ज्यादा बिलिंग की शिकायतों की जांच करें और परिजनों को अधिक वसूल की गई राशि वापस दिलवाएं। लिहाजा डॉ. बेडेकर ने बताया कि अभी तक 20 मरीजों की शिकायत प्राप्त हुई और 7 लाख 16 हजार रुपए की राशि अस्पतालों से वापस करवाई गई। आरके हॉस्पिटल, शैल्बी, क्योरवेल, मास्क, गुर्जर, इंदिरा मेमोरियल, सिद्धी विनायक, मयूर, चिरायू, यूनिट, एसके रामकृष्ण, सी-3 मल्टीस्पेशिएलिटी और पटेल नर्सिंग होम खजराना से यह राशि मरीजों के परिजनों को वापस करवाई गई, जिसमें 24 हजार से लेकर सवा लाख रुपए तक की राशि शामिल है।
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