हैवी ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रायल देने आए थे, जांच में निकले संंक्रमित
इन्दौर। नंदानगर के आईटीआई परिसर में बनाए गए हैवी ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में फिर 7 ड्राइवरों में कोरोना संक्रमण निकला है। ये ड्राइवर यहां रिफ्रेशर कोर्स करने आए थे, लेकिन कोर्स के पहले कोविड रिपोर्ट अनिवार्य होने के कारण इनकी जांच की गई।
पिछले गुरूवार को भी 5 ड्राइवरों में कोरोना मिला था। यहां प्रति गुरूवार हैवी वाहन जैसे ट्रक और बस चलाने वाले ड्राइवरों को लाइसेंस जारी करने के पहले ट्रायल देना होती है और उसी के आधार पर उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है। ट्रायल के पहले इनकी ट्रेनिंग होती है। कोरोना काल के बाद जब से ट्रायल शुरू हुई है तब से यहां ट्रेनिंग लेने आने वाले ड्राइवरों की पहले कोरोना जांच करवाई जाती थी। इस बार भी जांच की गई थी, जिसमें 7 ड्राइवर संक्रमित निकले हैं। प्रशिक्षण प्रभारी सीताराम रावत ने बताया कि इनमें अगर कोई बिना लक्षण का मरीज रहता है तो उसे आइसोलेट कर दिया जाता है और अगर बुखार या अन्य कोई परेशानी होती है तो स्वास्थ्य विभाग उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाता है। कोविड के दौरान इंस्टीट्यूट में सावधानी बरती जा रही है, ताकि दूसरों में कोरोना न फैले।
जितने मरीज डिस्चार्ज, उतने ही अस्पतालों में आए
कल कोरोना अस्पताल से 96 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है, वहीं पिछले दिनों डिस्चार्ज किए गए 121 मरीजों की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग ने दी। इस तरह 217 मरीज कल डिस्चार्ज हुए हैं, लेकिन 217 मरीज ही अस्पताल में भर्ती किए गए। कल सुबह अस्पताल में भर्ती मरीजों का आंकड़ा 35 हजार 505 था जो आज सुबह बढ़कर 35 हजार 722 पर पहुंच गया है।
आकाशवाणी व दूरदर्शन में बढ़ा कोरोना संक्रमण
प्रसार भारती के स्थानीय केंद्र (आकाशवाणी व दूरदर्शन) में करीब आठ लोगों को कोरोना हुआ है जिससे कर्मचारी सकते में है। सूत्रों के अनुसार आकाशवाणी/दूरदर्शन में तीन उद्घोषक, 1 ड्यूटी ऑफिसर, 3 प्रोग्राम कंपियर व एक कर्मचारी को कोरोना निकला है। गत दिनों कुछ कर्मचारियों को कोरोना होने के बाद जांच हुई तो इन दोनों केंद्र के कुल 8 लोग निकले। इसके अलावा दो रहवासियों के भी कोरोना संक्रमित होने की सूचना है। इनमें कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है तो कुछ को होम क्वारेंटाइन किया गया है। इसके बाद भी पूरा स्टॉफ काम कर रहा है, जिससे कई कर्मचारियों में असंतोष है। दबी जुबान में कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान में 50 फीसदी कर्मचारियों से ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए काम लिया जाएं तो बेहतर रहेगा अन्यथा कोरोना संक्रमण और बढ़ सकता है। कई कर्मचारी 50 साल से ऊपर की उम्र के है जिन्हें ज्यादा रिस्क है।
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