4 जनवरी को मुख्यमंत्री की कलेक्टर कान्फ्रेंस… प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं की करेंगे समीक्षा
इंदौर। नगरीय निकायों के चुनावों की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री द्वारा विभागों की समीक्षा लगातार की जा रही है। आज उनका इंदौर दौरा भी था, जो टल गया। अब संभवत: जनवरी के पहले हफ्ते में रहेगा। वहीं 4 जनवरी को कलेक्टर कान्फ्रेंस की तैयारी में अवश्य इंदौर सहित सभी जिलों के कलेक्टर जुटे हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण की समीक्षा में मुख्यमंत्री को बताया गया कि लगभग साढ़े 7 हजार किलोमीटर लम्बाई क मार्गों का निर्माण ग्रीन टेक्नोलॉजी के तहत प्लास्टिक वेस्ट से करवाया गया है। लिहाजा अन्य विभागों को भी प्लास्टिक वेस्ट को खपाने के ऐसे नवाचार करने की सलाह दी गई है।
देश में कई स्थानों पर लोक निर्माण विभाग और नगरीय निकायों द्वारा सडक़ निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट, खासकर पॉलिथीन की थैलियों का इस्तेमाल होने लगा है, जिसके कारण सडक़ की मजबूती तो बढ़ती ही है, वहीं प्लास्टिक खपाने का एक अच्छा जरिया भी मिल जाता है। मध्यप्रदेश में ही ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए लगभग साढ़े 7 हजार किलोमीटर की सडक़ प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग किया है, जो कि देश में अव्वल है। अब इस तरह की सडक़ों का निर्माण अन्य विभागों से करने के लिए भी कहा गया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की, जिसमें मनरेगा में भारत में प्रदेश प्रथम आया, जिसमें 22 हजार 810 ग्राम पंचायतों में से 22108 पंचायतों में 1 करोड़ 14 लाख सक्रिय मजदूरों से 20 लाख से अधिक मजदूरों को प्रतिदिन नियोजित किया जा रहा है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने विभाग को बधाई दी। उल्लेखनीय है कि इसका श्रेय राजस्व सहित अन्य मामलों के जानकार, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव को जाता है, जो फिलहाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव भी हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के लक्ष्य की पूर्ति में भी प्रदेश प्रथम रहा है। 2550 किलोमीटर लक्ष्य के विरूद्ध इस साल 1010 किलोमीटर का निर्माण किया गया। कोरोना काल के चलते सडक़ निर्माण का कार्य भी ठप पड़ गया था, लेकिन प्रदेश में लगभग 40 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की गई, जो पूरे देश में सर्वाधिक रही। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में भी प्रदेश में अच्छा काम हुआ और 23 लाख 65 हजार जो आवास मंजूर हुए थे, उनमें से 17 लाख 60 हजार का निर्माण पूरा हो चुका है। सीईओ जनपद पंचायत की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए और मनरेगा के अंतर्गत बंजर जमीनों को उपजाऊ बनाने का काम भी प्रदेशभर में किया जाएगा। वहीं 4 जनवरी को मुख्यमंत्री कलेक्टर कान्फ्रेंस लेंगे, जिसकी तैयारी सभी जिलों के साथ-साथ इंदौर में भी चल रही है।
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