इन्दौर। सायबर सेल ने 85 लाख की ठगी में एक बैंक मैनेजर और उसके साथी को पकड़ा था। इंदौर में इनके दो खातों में 13 करोड़ रुपए आए हैं। दूसरा खाता गढ़वाल की महिला के नाम से है। पुलिस उक्त महिला की तलाश कर रही है। वहीं कुछ समय पहले मैनेजर के सीनियर को ठगी में हरियाणा पुलिस पकड़ चुकी है। उसकी भी पुलिस तलाश कर रही है। इंदौर के एक व्यक्ति को वॉट्सऐप से जोडक़र शेयर में निवेश के नाम पर 85 लाख का चूना लगाने के मामले में सायबर सेल ने इंडसइंड बैंक के मैनेजर मोहम्मद जाबाज और उसके साथी राजेश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था।
ये लोग दुबई के ठग को करंट अकाउंट बेचते थे। इन लोगों ने इंदौर में निजी बैंकों में 35 से अधिक खाते खोले थे। मोहम्मद के मोबाइल की चैटिंग में आधा दर्जन महिला बैंककर्मियों के चैट मिले हैं। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। सायबर एसपी जितेंद्रसिंह ने बताया कि मैनेजर मोहम्मद ने अपने सीनियर मैनेजर से यह गोरखधंधा सीखा था। उसे कुछ समय पहले हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस केस में भी पुलिस को उसकी तलाश है। जांच में पुलिस को दो ऐसे खाते मिले हैं, जिनमें 13 करोड़ से अधिक की राशि आई है। एक खाते में 85 लाख की धोखाधड़ी का पैसा आया है, जबकि एक और खाता सियागंज की इंडसइंड बैंक का मिला है। इसमें ठगी के साढ़े 7 करोड़ रुपए आए हैं। यह खाता अनीता के नाम से है और गढ़वाल इंटरप्राइजेस का है। इंदौर में एक अन्य व्यापारी के साथ हुई 45 लाख की ठगी में इस खाते में 7 लाख रुपए आए हैं। अब इस खाते से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस को गिरोह के चार और सदस्यों की तलाश है.
मिनिमम बैलेंस खुद जमा करता था मैनेजर
एसपी जितेंद्रसिंह ने बताया कि इंदौर की कुछ और निजी बैंकों में भी इन लोगों ने खाते खोले हैं। करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 25 हजार रुपए रखना होता है। यह बैंलेस मोहम्मद खुद जमा करता था। इस मामले में निजी बैंक की आधा दर्जन महिलाएं पुलिस के निशाने पर हैं। उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।
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