नई दिल्ली: देश में फिलहाल 2 ही ऐसे टेलीकॉम ऑपरेटर हैं जो 5G सर्विस ग्राहकों को ऑफर कर रहे हैं. इसमें रिलायंस जियो और भारतीय एयरटेल शामिल है. भारत में जहां एक ओर अभी 5G नेटवर्क का विस्तार चल ही रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ विदेशों में 6G नेटवर्क पर काम तेजी से शुरू हो गया है. इस बीच साउथ कोरिया की सरकार ने इस बात की घोषणा की है कि वह सेल्यूलर टेक्नोलॉजी का 6th जनरेशन यानी 6G नेटवर्क को 2028 तक देश में लॉन्च कर देगी.
कोरियन मिनिस्ट्री ने बीते सोमवार को बताया कि सरकार ने लोकल कंपनियों से 6G में यूज होने वाले मटेरियल को बनाने के लिए कह दिया है ताकि समय पर नया नेटवर्क लांच हो पाए और वो दुनियाभर में ऐसा करने वाला पहला देश बने. ये प्रोजेक्ट करीब 625.3 बिलियन वॉन (लगभग 3,978 करोड़ ) रुपये का है.
भारत में इस साल तक मिलेगा 6G नेटवर्क
अन्य देशों की तरह ही भारत भी 6G टेक्नोलॉजी में सबसे आगे रहना चाहता है. प्रधानमंत्री मोदी ये बात कह चुके है कि एक टास्क फाॅर्स 6G के लिए गठित है जो इस दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस दशक के अंत तक देश में 6G नेटवर्क लॉन्च हो जाएगा. वहीं, टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव भी ये बात कह चुके हैं कि भारत 6G नेटवर्क के मामलें में सबसे आगे होगा. यानि कुल मिलाकर इस दशक के अंत से पहले देश को 6G नेटवर्क मिल सकता है.
1G नेटवर्क इस साल हुआ था लॉन्च
1G की शुरुआत 1980 में हुई थी. तब 1G नेटवर्क के माध्यम से लोग केवल वॉइस कॉल ही कर पाते थे. फिर 1990 में सेकंड जनरेशन नेटवर्क 2G की शुरुआत हुई. इसी तरह 2000 में 3G आया. 3G नेटवर्क के आने से ही पहली बार लोगों ने डेटा का इस्तेमाल किया. धीरे-धीरे फिर 4G नेटवर्क आया जिसमें लोगों को अच्छी इंटरनेट स्पीड मिली और अब 5G का विस्तार हो रहा है.
टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि 4G के मुकाबले 5G नेटवर्क में लोगों को अच्छी इंटरनेट स्पीड और बेहतर कॉलिंग एक्सपीरियंस मिलता है. फिलहाल जियो की 5G सर्विस देश के 200 से ज्यादा शहरों में लाइव हो चुकी है. वहीं, एयरटेल भी 50 से ज्यादा शहर कवर कर चुका है. बता दें, रिलायंस जियो का 5G नेटवर्क 4G पर डिपेंडेंट नहीं है और कंपनी ने ऐसे Standalone 5G (SA 5G) का नाम दिया है.
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