उज्जैन। गंभीर डेम में अब मात्र 688 एमसीएफटी पानी बचा है जो 72 दिन तक चल सकता है। यदि बारिश में खेंच हुई तो शहर को बड़े जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। 1 दिन छोड़कर जल प्रदाय करने का फैसला अभी तक नगर निगम के जिम्मेदारों ने नहीं लिया है। शहर की आबादी और जनसंख्या के हिसाब से शहर में पानी की टंकियां तो बहुत बनाई जा रही है लेकिन उनको भरने के लिए डेम सिर्फ एक ही है। 2250 क्षमता वाले इस गंभीर डेम से ही शहर का जल प्रदाय होता है और वर्तमान में गंभीर डेम में 688 एमसीएफटी पानी बचा है। इसमें से 100 एमसीएफटी डेड स्टोरेज माना जाता है। अर्थात डेम में 588 एमसीएफटी पानी आज की स्थिति में है जो जल प्रदाय में इस्तेमाल हो सकता है। वर्तमान में गर्मी के मौसम और शहर में पानी की टंकियाँ बढऩे के कारण 8 एमसीएफटी पानी प्रतिदिन जल प्रदाय पर खर्च हो रहा है। इस माह से प्रतिमाह 240 एमसीएफटी पानी वर्तमान में चाहिए और अभी बारिश के मौसम में पूरे 2 माह से भी अधिक समय बाकी है।
ऐसे में करीब 600 एमसीएफटी पानी जून माह तक ही चाहिए और यदि बारिश में खींच रही पिछले वर्ष की तरह इस बार भी जुलाई माह के बाद बारिश हुई तो शहर में जल संकट की स्थिति भयावह बन सकती है। पीएचई से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 दिन छोड़कर जल प्रदाय का प्रस्ताव विभाग ने महापौर को 10 अप्रैल के पहले ही भेज दिया है। महापौर मुकेश टटवाल और उनकी एमआईसी ने गंभीर डेम का दौरा भी कर लिया है वे डेम की स्थिति से परिचित हैं लेकिन फिर भी पिछले 1 सप्ताह से जल प्रदाय एक दिन छोड़कर करने के निर्णय की फाइल उनके पास पड़ी है, अभी तक निर्णय नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यदि इसी प्रकार प्रतिदिन जल प्रदाय चलता रहा तो डेम का लेवल 30 अप्रैल तक घटकर 592 एमसीएफटी रह जाएगा और यह जुलाई माह तक के लिए पर्याप्त नहीं रहेगा। इस मामले में महापौर को जल्दी ही निर्णय लेना चाहिए।
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