विधानसभा में पूर्व मंत्री पटवारी को स्वास्थ्य मंत्री का जवाब
इंदौर। प्रदेश में लगातार बच्चों में बढ़ रही बीमारी और मौत को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने विधानसभा (Vidhan Sabha) में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) से सवाल किया था। जिस पर कल जवाब आया। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने बताया कि पिछले पांच सालों में करीब 68 हजार से अधिक बच्चों की मौत अकेले हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में हुई। यह संख्या 2016 में 84 हजार 691 थी जो पिछले साल 1.12 लाख तक पहुंच गई। पटवारी ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री ने तो अस्पतालों को ही बीमार कर दिया।
प्रदेश में बच्चों के अस्पतालों की हालत और उनकी बीमारियों को लेकर पटवारी ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health Minister Prabhuram Choudhary) से सवाल किया था। उन्होंने पिछले माह हमीदिया असपताल (Hamidia Hospital में हए अग्रिकांड (Fire) में बच्चों की मौत के जिम्मेदारों पर भी सवाल उठाया था। पटवारी ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की यह हालत है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों को ही बीमार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे बच्चों की मौत के संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। पटवारी ने सवाल किया था कि हमीदिया अस्पताल में पिछले पांच साल में कितने बच्चों की मौत हुई। इस मामले में चांैकाने वाले जवाब आया, जिसमें 68 हजार मौतें बताई गई। उन्होंने कहा कि यह तो ऐसे हो गया कि श्मशान (Cremation) का उद्घाटन करें और प्रतिवर्ष दाह संस्कार की बढऩे वाली संख्या पर अपनी पीठ थपथपाए। ये चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि प्रतिवर्ष इन गहन चिकित्सा इकाई में 14 से 15 प्रतिशत बच्चे मर रहे हैं। ये संख्या क्यों नहीं घट रही है। इलाज के दौरान भर्ती होने वाले हर 6 बच्चों में से एक बच्चा मर रहा है। उन्होंने अस्पतालों में होने वाले इलाजों पर भी सवाल उठाया और कहा कि शिशु मृत्यु दर घटने की बजाय लगातार बढ़ रही है। उन्होंने शिशुओं (Infants) के स्वास्थ्य और शिशु पोषण में भी पूरी तरह असफल होने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital में पिछले दिनों लगी आग के मामले में जवाबदारों पर क्या कार्रवाई हुई इस पर भी सवाल पूछा और यह भी पूछा कि इसमें कितने बच्चों का मौत हुई। जांच का प्रतिवेदन विधनसभा के पटल पर कब रखा जाएगा इस बारे में भी मंत्री से पूछा गया।
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